श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय श्रीनगर शाखा के न्यायमूर्ति संजय धर ने एनडीपीएस एक्ट के तहत अब्दुल हमीद भट की सजा को रद्द कर दिया। भट को पुलवामा के प्रधान सत्र न्यायाधीश द्वारा 10 साल के कठोर कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
सजा को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति संजय धर ने कहा कि इस मामले में जांच एजेंसी ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 42 का उल्लंघन किया है। इसके अलावा जब्ती, तलाशी और सीलिंग के बारे में साक्ष्य में विरोधाभास पाया गया है। अभियोजन पक्ष यह प्रमाणित करने में भी असफल रहा कि सैंपल सुरक्षित रखे गए थे। इसके साथ ही यह भी महत्वपूर्ण था कि इस मामले में शिकायतकर्ता ही जांच अधिकारी था और मौके पर स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति के बावजूद किसी को भी इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। इससे अभियोजन पक्ष का मामला अविश्वसनीय हो गया। न्यायालय ने इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया और अब्दुल हमीद भट को रिहा करने का आदेश दिया।