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तो आज की इस खबर में समझते हैं कि वजन कैसे पीरियड्स को प्रभावित करता है और इसका समाधान क्या हो सकता है।
शरीर का वजन अनियमित पीरियड्स का एक प्रमुख कारण हो सकता है। अत्यधिक वजन बढ़ना या बहुत कम वजन होना, दोनों ही हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे मासिक धर्म चक्र में गड़बड़ी हो सकती है। तो आज की इस खबर में समझते हैं कि वजन कैसे पीरियड्स को प्रभावित करता है और इसका समाधान क्या हो सकता है।
1. अधिक वजन और अनियमित पीरियड्स
- अधिक वजन के कारण शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) का स्तर बढ़ सकता है, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
- मोटापे से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का खतरा बढ़ जाता है, जो मासिक धर्म चक्र को बाधित कर सकता है।
- इंसुलिन रेजिस्टेंस और धीमे मेटाबॉलिज्म के कारण हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है, जिससे पीरियड्स देरी से या अनियमित हो सकते हैं।
2. कम वजन और अनियमित पीरियड्स- अत्यधिक कम वजन होने से शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता, जिससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर गिर सकता है और पीरियड्स मिस हो सकते हैं।
- बहुत अधिक डाइटिंग, एक्सरसाइज, या ईटिंग डिसऑर्डर के कारण एमेनोरिया यानी महीनों तक पीरियड्स न आना जैसी समस्या हो सकती है।
- शरीर में पर्याप्त फैट न होने से हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे मासिक धर्म में देरी या रुकावट आ सकती है।कैसे पाएं संतुलित वजन और नियमित पीरियड्स?
- संतुलित आहार लें – प्रोटीन, हेल्दी फैट, फाइबर और आवश्यक विटामिन्स से भरपूर भोजन करें।
- व्यायाम का संतुलन बनाएं – न ज्यादा और न ही बहुत कम एक्सरसाइज करें। योग और हल्की एक्सरसाइज लाभकारी हो सकती हैं।
- तनाव को कम करें – मेडिटेशन, अच्छी नींद और रिलैक्सेशन तकनीकों से मानसिक तनाव कम करें, जिससे हार्मोन संतुलित रहें।
- डॉक्टर से सलाह लें – यदि वजन सामान्य करने के बावजूद भी पीरियड्स अनियमित रहते हैं, तो किसी गाइनेकोलॉजिस्ट से परामर्श अवश्य लें।इस बात का रखें ध्यान
शरीर का अत्यधिक वजन बढ़ना या बहुत कम होना, दोनों ही हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं, जिससे मासिक धर्म चक्र प्रभावित हो सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और सही वजन बनाए रखकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से उचित परामर्श लेना आवश्यक है।अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।