Friday, June 20, 2025
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इन प्रेग्नेंट महिलाओं को नहीं करना चाहिए महाशिवरात्रि का व्रत, बच्चे को हो सकती है परेशानी

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महाशिवरात्रि 2025 का व्रत श्रद्धा और आस्था से रखा जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह उपवास उनके शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के आधार पर सही नहीं हो सकता। आइए जानें कि किन गर्भवती महिलाओं को इस व्रत से बचना चाहिए और क्या सावधानियां रखनी चाहिए।महाशिवरात्रि इस साल 26 फरवरी को है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था और इस दिन जो भी महादेव की उपासना करता है, उसे दोगुना फल प्राप्त होता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं, मंदिर जाकर भगवान शिव को फल-फूल अर्पित करते हैं और शिवलिंग पर दूध व जल अर्पित करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन देशभर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस दिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं उपवास रखती हैं।

महाशिवरात्रि 2025 का व्रत श्रद्धा और आस्था से रखा जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह उपवास उनके शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के आधार पर सही नहीं हो सकता। आइए जानें कि किन गर्भवती महिलाओं को इस व्रत से बचना चाहिए और क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

पहली और अंतिम तिमाही में महिलाएं
  • पहली तिमाही: इस दौरान बच्चे का विकास हो रहा होता है, और उपवास करने से कमजोरी, चक्कर आना और ब्लड शुगर का लेवल कम होने का खतरा रहता है।
  • अंतिम तिमाही: शरीर को अधिक एनर्जी की जरूरत होती है, और लंबे समय तक भूखे रहने से थकान, एसिडिटी और डिहाइड्रेशन हो सकता है।
    कमजोरी या एनीमिया से ग्रस्त महिलाएं

    • यदि गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन का लेवल कम हो, तो उपवास करने से शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिलेगा, जिससे चक्कर, कमजोरी और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

     ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या वाली महिलाएं

    • हाई या लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए उपवास करना खतरनाक हो सकता है।
    • गर्भावधि मधुमेह से ग्रस्त महिलाओं को समय-समय पर भोजन की आवश्यकता होती है। उपवास के कारण कार्बोहाइड्रेट का स्तर असंतुलित हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
    अत्यधिक उल्टी या मॉर्निंग सिकनेस वाली महिलाएं

    • यदि गर्भावस्था के दौरान लगातार उल्टी, मतली या एसिडिटी की समस्या बनी रहती है, तो उपवास करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

     डॉक्टर द्वारा विशेष देखभाल की सलाह दी गई हो

    • अगर किसी स्वास्थ्य कारण से डॉक्टर ने विशेष खानपान और आराम की सलाह दी है, तो व्रत से बचना ही सही रहेगा।
      यदि गर्भावस्था में व्रत रखना हो तो क्या करें?

      •  उपवास के बजाय हल्का फलाहारी भोजन लें, जैसे फल, दूध, दही, मखाने, साबूदाना खिचड़ी आदि।
      •  पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी या जूस लेते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड बना रहे।
      • यदि कमजोरी महसूस हो, तो तुरंत कुछ खा लें और जरूरत महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

      इस बात का रखें खास ध्यान

      गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने और अपने होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि स्वास्थ्य अच्छा है और डॉक्टर की अनुमति है, तो हल्का फलाहारी व्रत रखा जा सकता है, लेकिन कमजोरी, बीमारियों या अन्य जटिलताओं की स्थिति में उपवास से बचना ही उचित होगा।

      अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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