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इस शुक्रवार यानी 29 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा जापान में शुरू हुई। यह दौरा वैश्विक कूटनीति और आर्थिक सहयोग की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जापान ने इस अवसर पर उन्हें “गुड लक” कहा और चार रणनीतिक क्षेत्रों में नई साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ाने की घोषणा की है।
रणनीतिक सहयोग के चार मुख्य क्षेत्र:
- सेमीकंडक्टर चिप्स
- क्रिटिकल मिनरल्स
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
- फार्मास्यूटिकल्स (दवाइयां)
10 वर्षीय साझेदारी के लक्ष्य और निवेश योजनाएं:
- भारत और जापान ने एक 10-वर्षीय साझेदारी विजन जारी किया, जिसमें सिक्योरिटी, क्लीन एनर्जी, टेक्नोलॉजी, और ह्यूमन रिसोर्सेज भी शामिल हैं।
- निजी क्षेत्र में जापान ने करीब ¥10 ट्रिलियन (लगभग USD 68 ब्लियन) का निवेश भारत में करने का संकल्प लिया है।
- ऐनुअल निवेश लक्ष्य: $6.8 बिलियन प्रति वर्ष अगले 10 वर्षों तक।
- साझेदारी की रूपरेखा में सेमीकंडक्टर निर्माण, AI, क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन, क्लीन टेक्नोलॉजी, डिफेंस और स्पेस सेक्टर शामिल हैं।
- इसके अलावा, 500,000 भारतीय स्टूडेंट्स व वर्कर्स का आदान-प्रदान अगले 5 वर्षों में संभव बनाने पर सहमति बनी है।
कूटनीतिक संतुलन और वैश्विक प्रभाव:
- इस दौरे के बाद भारत की बैलेंसिंग एक्ट की नीति—जहां अमेरिका, जापान, रूस, चीन के बीच संतुलित कूटनीति अपनाई जाती है और सशक्त होगी।
भारत की अर्थव्यवस्था: नया चेहरा, वैश्विक बढ़त
- IMF की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2025 में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
- भारत का अनुमानित GDP $4.187 ट्रिलियन है, जबकि जापान का $4.186 ट्रिलियन।
- भारत भविष्य में तीसरे स्थान पर पहुंचने की भी तैयारी में है।
- 2025 के वैश्विक शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, संयुक्त राज्य, चीन और जर्मनी के बाद।