अमेरिका के ओहायो में रहने वाली 28 वर्षीय सारा ने अपने पति के साथ मिलकर साल 2024 में लगभग ₹3.3 करोड़ की भारी रकम खर्च कर एक नया घर खरीदा। लेकिन सपनों का यह आशियाना जल्द ही एक बुरे ख्वाब में बदल गया।
घर में शिफ्ट होते ही सारा की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। उन्हें लगातार सर्दी-खांसी, आंखों के पास लाल चकत्ते, खुजली और यहां तक कि त्वचा फटने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में उन्होंने सोचा कि शायद मौसम या एलर्जी की वजह से ऐसा हो रहा है, लेकिन हालात बद से बदतर होते गए।
जब मेडिकल जांच और घर की गहराई से पड़ताल कराई गई, तो असली कारण सामने आया – घर के भीतर खतरनाक स्तर की फंगस (mold) मौजूद थी। यह फंगस दीवारों और छिपी हुई जगहों में फैल चुकी थी और लगातार हवा में ज़हरीले कण छोड़ रही थी। जांच में ये भी सामने आया कि घर के पुराने मालिक को इस फंगस के बारे में पहले से जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे छिपाकर घर बेच दिया।
बीमा से नहीं मिली मदद, भारी आर्थिक झटका
मोल्ड हटाने का खर्च करीब 10,000 डॉलर (लगभग 8.3 लाख रुपये) आया और बीमा कंपनी ने इस पर कोई सहायता नहीं दी। सारा और कॉलिन को अपने लगभग 90% घरेलू सामान को भी फेंकना पड़ा क्योंकि वह भी फंगस से प्रभावित हो चुका था।
वर्क फ्रॉम होम बना मुसीबत का कारण
सारा घर से काम करती थीं और ज़्यादा समय घर के अंदर बिताती थीं, जबकि उनके पति ऑफिस जाते थे। यही वजह रही कि सारा की सेहत पर असर पड़ा लेकिन कॉलिन को कोई लक्षण नहीं हुए। हालात ऐसे हो गए कि सारा को अपने पति से अलग रहना पड़ा और कभी मायके तो कभी ससुराल जाकर अस्थायी रूप से रहना पड़ा। जब उन्होंने अपने माता-पिता के घर में रहना शुरू किया तो उनकी तबीयत में सुधार आने लगा। लेकिन जैसे ही वह पुराने घर लौटतीं – लक्षण फिर उभर आते।
ऑनलाइन मदद भी आई लेकिन सदमा गहरा
इस मुश्किल वक्त में लोगों ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। एक ऑनलाइन फंडरेजिंग मुहिम से करीब 5,000 डॉलर इकट्ठा हुए, जिससे थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन सारा कहती हैं कि इस पूरे अनुभव ने उनकी ज़िंदगी और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को पूरी तरह बदल दिया है।