जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JeI) और फलाह-ए-आम ट्रस्ट (FAT) से जुड़े 215 स्कूलों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का आदेश दिया है। इसके बाद अफवाहें फैलने लगीं कि ये 215 स्कूल बंद हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इस पर शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने मीडिया से बातचीत करते हुए अहम जानकारी दी।
मंत्री सकीना इत्तू ने शनिवार को साफ कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ कोई भी राजनीति नहीं कर सकता। उन्होंने FAT नेटवर्क से जुड़े स्कूलों के बंद होने की अफवाहों को पूरी तरह गलत बताया। मंत्री ने कहा कि लोगों को गुमराह किया जा रहा है कि स्कूल बंद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद कई स्कूलों का दौरा किया और सभी स्कूल खुले थे, जहां बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।
सकीना इत्तू ने कहा कि 2019 से FAT स्कूलों के पास सही रजिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट कमेटी या कानूनी ढांचा नहीं था। सरकार ने अस्थायी व्यवस्था की है ताकि नई कमेटियां बनने तक और सीआईडी जांच पूरी होने तक स्कूल सुचारु रूप से चल सकें।
उन्होंने बताया कि करीब 51,000 बच्चों का भविष्य दांव पर है। जब तक नई मैनेजमेंट कमेटी नहीं बनती, पास के स्कूलों के प्रिंसिपल इन स्कूलों को संभालेंगे। बच्चे भी रहेंगे, शिक्षक भी रहेंगे और स्कूल भी पहले की तरह चलते रहेंगे। किसी को निकाला नहीं जाएगा।
सकीना इत्तू ने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2002 में जब उनके शासन में जमात-ए-इस्लामी से जुड़े घर और स्कूल बंद किए गए थे, तब उन्होंने आवाज क्यों नहीं उठाई? आज अचानक उन्हें बच्चों की चिंता क्यों हो रही है? उन्होंने विपक्ष की बातों को झूठा और निराशा से भरा बताते हुए कहा कि हम बच्चों के भविष्य से राजनीति नहीं करने देंगे। न हमने कभी किया है और न ही किसी और को करने देंगे।