पंजाब में आवारा कुत्तों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन आवारा खुंखार कुत्तों द्वारा लोगों को काटने के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में हर दिन औसतन 850 लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। पिछले 7 महीनों में 1.88 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अगर साल 2024 की बात करें तो पूरे राज्य में 2,13,521 डॉग बाइट केस दर्ज हुए थे। यह संख्या 2023 के 2,02,439 मामलों से भी ज्यादा है। आंकड़ों से साफ है कि बीते 3 सालों में 2025 सबसे गंभीर साल साबित हो रहा है।
अमृतसर में सबसे ज्यादा पीड़ित
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2025 तक सिर्फ अमृतसर में 29,504 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद लुधियाना (21,777) और पटियाला (14,120) का नंबर आता है। पंजाब के कई नगर निगम द्वारा कुत्तों की नसबंदी की परियोजना शुरू की हुई है, जिससे कुत्तों की बढ़ोतरी में कुछ कमी आई है। लेकिन अभी भी सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्ते चिंता का विषय बने हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विवाद
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद देशभर में डॉग लवर और आम जनता आमने-सामने हैं। एक वर्ग कुत्तों को सड़कों से न हटाने के पक्ष में है, जबकि दूसरा कोर्ट के फैसले का समर्थन कर रहा है। इस बीच, सरकारों की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। देशभर में डॉग लवर प्रदर्शन पर उतर आएं हैं।
नगर निगमों और परिषदों ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) प्रोजेक्ट शुरू किया है। अमृतसर नगर निगम का दावा है कि रोजाना करीब 25 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। पिछले 2 सालों में करीब 20 हजार कुत्तों की नसबंदी की गई है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 70% नसबंदी का लक्ष्य पूरा न होने तक समस्या पर काबू पाना मुश्किल है। 2 साल पहले हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में डॉग बाइट पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर समितियां बनाई गई हैं। याचिका की जांच के बाद पीड़ित को 20 हजार रुपए तक का मुआवजा 4 महीने के भीतर देने का प्रावधान है।