अमेरिकी टेक दिग्गज ओरेकल (Oracle) ने भारत और अमेरिका में अपने ओरेकल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर (OCI) डिवीजन में बड़े पैमाने पर छंटनी की है। भारत में कंपनी ने लगभग 10% कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया है। इसी तरह अमेरिका और कनाडा में भी कर्मचारियों की छंटनी की खबरें आ रही हैं।
कंपनी ने इसे रिस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा बताया है लेकिन उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऑफशोरिंग कम करने और H-1B वीजा पर निर्भरता घटाने के दबाव का नतीजा हो सकता है।
ट्रंप से मुलाकात और OpenAI डील के बाद बढ़ी अटकलें
7 अगस्त को ओरेकल के सीईओ लैरी विल्सन ने व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी, जिसमें घरेलू भर्ती, टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप और डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके कुछ दिन बाद ओरेकल और OpenAI के बीच एक बड़ा करार हुआ, जिसके तहत ओपनएआई का डेटा ओरेकल के सिस्टम पर प्रोसेस किया जाएगा।
भारत में ओरेकल की बड़ी मौजूदगी
साल 2024 में भारत में ओरेकल के लगभग 28,800 कर्मचारी थे। कंपनी के लिए भारत लंबे समय से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड सर्विस और टेक्निकल सपोर्ट का अहम केंद्र रहा है। अचानक हुई इस छंटनी ने टेक इंडस्ट्री में चिंता बढ़ा दी है।
अन्य देशों में भी खतरे के आसार
अमेरिका में OCI टीमों से भी कर्मचारियों को हटाया गया है, जबकि कनाडा और मेक्सिको में भी नोटिस थमाए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हफ्ते कई देशों में मैनेजमेंट मीटिंग्स में छंटनी की घोषणा हो सकती है।
टेक सेक्टर में छंटनी का दौर
माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और मेटा जैसी कंपनियां पहले ही हजारों नौकरियां घटा चुकी हैं, ताकि AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते खर्च को मैनेज किया जा सके। ओरेकल ने भी जून में रेगुलेटरी फाइलिंग में संकेत दिया था कि रणनीतिक बदलाव और परफॉर्मेंस कारणों से समय-समय पर वर्कफोर्स का पुनर्गठन किया जाएगा।