इंदौर में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है। बीते तीन दिनों में शहर में तीन महिलाओं की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। ये सभी महिलाएं किसी न किसी गंभीर बीमारी से पहले से जूझ रही थीं। स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार, कोरोना की वजह से अब तक इंदौर में कुल चार लोगों की जान जा चुकी है।
ताजा मामला सोमवार को लसुड़िया क्षेत्र से सामने आया, जहां एक महिला की मौत कोरोना संक्रमित होने के बाद हो गई। जानकारी के अनुसार, वह महिला कैंसर से पीड़ित थी और पहले से इलाजरत थी। मौत के बाद जब उसका कोरोना टेस्ट किया गया, तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
मंगलवार को भी एक अन्य महिला की मौत हुई, जो पहले से अस्पताल में भर्ती थी। इलाज के दौरान उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इससे पहले एक और महिला की जान कोरोना से जा चुकी है। इन सभी मामलों में देखा गया है कि मृतक पहले से ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित थीं, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के चलते वे वायरस का सामना नहीं कर पाईं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, फिलहाल इंदौर में कोरोना के कुल 187 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से 12 केस सक्रिय हैं। अच्छी बात यह है कि ये सभी एक्टिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं और उनमें गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि नए संक्रमित मरीजों में सामान्यतः हल्के लक्षण जैसे सर्दी-जुकाम और हल्का बुखार देखा जा रहा है, जो समय पर इलाज मिलने पर ठीक हो जा रहे हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वे लोग जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, जैसे कि कैंसर, हृदय रोग या डायबिटीज़, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। कोरोना वायरस ऐसे मरीजों पर अधिक घातक असर डाल सकता है।
सोमवार को एक और कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया था, जिसमें मरीज को सर्दी-जुकाम की शिकायत थी। जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की स्थिति फिलहाल सामान्य है और वह घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहा है।
शहर में इस समय सरकारी स्तर पर कोरोना जांच की व्यवस्था सीमित है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की डिस्पेंसरियों में कोरोना की जांच की सुविधा नहीं है। अधिकतर जांच निजी लैबों में कराई जा रही है। इससे आम लोगों को जांच करवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं, खासकर बारिश के मौसम में जब सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं आम होती हैं। ऐसे में सतर्कता और सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है। स्वास्थ्य विभाग भी लोगों से अपील कर रहा है कि हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच कराएं।
निष्कर्ष के तौर पर, इंदौर में कोरोना फिर से सिर उठाता नजर आ रहा है। हालात अभी नियंत्रण में हैं, लेकिन यदि सतर्कता नहीं बरती गई तो स्थिति गंभीर हो सकती है। खासकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है।