नई दिल्ली। आपातकाल की घोषणा के 50 साल पूरे होने पर बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक में इमरजेंसी में बलिदान देने वाले व्यक्तियों को याद किया गया और उन्हें सम्मानित करने का संकल्प लिया गया।
कैबिनेट बैठक में श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया। बैठक में कहा गया कि इमरजेंसी के दौरान लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए थे और उन्हें अकल्पनीय भयावहता का सामना करना पड़ा था।
कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पारित
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव को पढ़ते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उन अनगिनत व्यक्तियों के बलिदान को याद करने और सम्मानित करने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल के दौरान संविधान की भावना को नष्ट करने के प्रयास का बहादुरी से विरोध किया था।’
उन्होंने कहा, ‘1974 में नव निर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के एक कठोर प्रयास के साथ यह सब कुछ शुरू हुआ था। कैबिनेट ने इमरजेंसी के दौरान हो रही ज्यादतियों का सामना करने के साहस और वीरतापूर्ण प्रतिरोध को श्रद्धांजलि दी।’