कोच्चि। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एनआईए ने बताया है कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने केरल में 950 लोगों की एक ‘हिट लिस्ट’ तैयार की थी।
इस लिस्ट में एक रिटायर्ड जिला जज का नाम भी शामिल है। यह खुलासा उस वक्त सामने आया जब NIA ने इस महीने की शुरुआत में केरल के एक विशेष अदालत में यह जानकारी पेश की। यह मामला 2022 में पलक्कड़, केरल में RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या से जुड़ा है, जिसमें चार आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी।
NIA ने इस हिट लिस्ट को कई जगहों से पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद तैयार किया। इस लिस्ट में अलग-अलग समुदायों के लोगों के नाम शामिल हैं। जांच के दौरान NIA ने कई दस्तावेज जब्त किए, जिनमें यह खतरनाक मंसूबे उजागर हुए। PFI के इस खौफनाक इरादे ने देश में सनसनी फैला दी है।
हिट लिस्ट में कई बड़े नाम
NIA की जांच में 51वें आरोपी सिराजुद्दीन से जब्त किए गए आठ दस्तावेजों में 240 लोगों की सूची मिली, जो अलग-अलग समुदायों से ताल्लुक रखते थे। इसके अलावा, अलुवा के पेरियार वैली कैंपस में तलाशी के दौरान 15वें आरोपी अब्दुल वहाद के पर्स से पांच लोगों की हिट लिस्ट बरामद हुई। वह फिलहाल फरार है। इस लिस्ट में एक पूर्व जिला जज का नाम भी था।
एक अन्य दस्तावेज 232 लोगों की हिट लिस्ट थी। वहीं, 69वें आरोपी अय्यूब के घर की तलाशी में करीब 500 लोगों के नामों वाली एक और हिट लिस्ट मिली। इन तमाम खुलासों ने PFI के खतरनाक इरादों को बेनकाब कर दिया।
‘PFI अपने कैडरों को फिजिकल और हथियारों की ट्रेनिंग दे रहा था’
NIA की जांच में यह भी सामने आया कि PFI ने श्रीनिवासन की हत्या के पीछे गहरी साजिश रची थी। इस हत्याकांड की तहकीकात के दौरान PFI का लिंक सामने आया है। जांच में पता चला कि संगठन देश में अशांति फैलाने की योजना बना रहा था। NIA ने यह भी खुलासा किया कि PFI अपने कैडरों को फिजिकल और हथियारों की ट्रेनिंग दे रहा था।
एजेंसी ने दावा किया कि उनके पास वॉयस क्लिप्स और गवाहों के बयान हैं, जो PFI के ‘इंडिया 2047 प्लान’ की बात करते हैं। इस योजना में भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की साजिश थी। इन सबूतों ने PFI के खौफनाक मंसूबों को और साफ कर दिया।
चारो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
NIA ने चार आरोपियों (मुहम्मद बिलाल, रियासुद्दीन, अंसार के.पी. और सहीर के.वी.) की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया। ये चारों 2022 में पलक्कड़ में श्रीनिवासन की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए थे। विशेष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और पेश किए गए दस्तावेजों का जायजा लेने के बाद फैसला सुनाया।
अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया (Prima Facie) सच्चाई के आधार मौजूद हैं। इसके बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी। इस खुलासे ने देश भर में सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है।