नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के ईरान का समर्थन करने पर भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजर्म ने कहा है कि लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन क्षेत्र में तीन दशकों से चल रहे ईरानी आक्रमण की अनदेखी करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
रुवेन ने एक साक्षात्कार में कहा कि राजनेताओं को जानकारी होनी चाहिए। हमें यह देखकर निराशा हुई कि उन्होंने (सोनिया गांधी) अक्टूबर में हुए हमलों की भी उस तरह निंदा नहीं की थी, जिस तरह की निंदा की जानी चाहिए।
रुवेन का बयान
उन्होंने कहा, “लोगों को अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन हमें वास्तविकता और तथ्यों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि हर कोई समझ सके कि ईरान आक्रामक है। जब ईरान हमें नष्ट करने के लिए हथियार हासिल करने जा रहा था, तब इजरायल के पास कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति के बीच बातचीत के बारे में सवाल पर रुवेन ने कहा कि अगर ईरान अन्य देशों को नष्ट करने की कोशिश करने से परहेज करने के लिए प्रतिबद्ध है, अपने परमाणु व बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और क्षेत्र में अपनी आक्रामकता रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, तो हम निश्चित रूप से कूटनीति की ओर वापस जा सकते हैं।
क्या खामेनेई को खत्म करेगा इजरायल?
यह पूछे जाने पर क्या इजरायल अयातुल्ला अली खामेनेई को खत्म करने के करीब है, रुवेन ने कहा कि हम कोई विकल्प को नहीं छोड़ रहे हैं। अमेरिकी हमलों में परमाणु स्थल सुरक्षित होने के ईरानी दावे पर इजरायली राजदूत ने कहा कि ईरान अपने ऊपर हुए हमलों को कमतर आंकने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इजरायल और अमेरिकी हमले काफी सटीक रहे हैं। भले ही ईरान ने संवर्धित यूरेनियम हटा दिया हो, लेकिन हमने यूरेनियम को संवर्धित करने वाले केंद्रों को नष्ट कर दिया है। इस तथ्य के बावजूद कि उनके पास अभी भी संवर्धित यूरेनियम है, यह केवल उन्हें खतरे में डालने वाला है।
भारत के बारे में रुवेन का बयान
रुवेन ने कहा कि उन्हें उस यूरेनियम को देश से बाहर भेज देना चाहिए। यदि वे इनकार करते हैं, तो उन्हें आगे भी इजरायल या अमेरिका के हमलों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को पश्चिम एशिया में शांति और विकास के एक अच्छे और सकारात्मक देश के रूप में देखा जाता है।