पटना। बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 के तहत मुखिया एवं सरपंच के पदों पर आरक्षण का बदलाव पंचायत आम चुनाव, 2026 में किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण में बदलाव पंचायत निर्वाचन नियमावली के संगत प्रविधानों के तहत किया जाएगा।
नियमावली के प्रविधानों के अनुसार हर दो पंचायत चुनावों के बाद पदों में आरक्षण का बदलाव किया जाता है। आयोग ने यह नोटिस सिवान जिला के पटेढ़ा पंचायत के विकास चौरसिया द्वारा भेजे गए परिवाद पत्र के संदर्भ में भेजा है।
बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के प्रविधान के अनुसार हर ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है।
हर पंचायत समिति के अंतर्गत मुखिया के पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान वही होगा, जो उस पंचायत समिति क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है।
मुखिया पद पर आरक्षण का प्रविधान पंचायत समिति (प्रखंड) के अंदर आने वाले कुल पदों में से किया जाता है। इसमें एससी व एसटी के जनसंख्या के अनुपात में पदों का आरक्षण किया जाता है। उसके बाद शेष पदों के 20 प्रतिशत पद अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित किया जाता है।
अब वर्ष 2026 में पदों पर आरक्षण का चक्र बदल जाएगा और नए चक्र के अनुसार चुनाव कराया जाएगा।