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नोएडा
यदि आपके मूत्र में खून आ रहा है और थकावट के साथ वजन भी कम हो रहा है तो हो जाएं सावधान। क्योंकि यह कोई आम बीमारी के लक्षण नहीं हैं, बल्कि किडनी में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
आज 19 जून बृहस्पतिवार को विश्व किडनी कैंसर दिवस पर वरिष्ठ चिकित्सकों ने नोएडा और आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण व धूमपान की लत के साथ बढ़ता या घटता वजन व अन्य शारीरिक समस्याओं पर लोगों को जागरूक किया है।
लोगों में बढ़ रही किडनी कैंसर की बीमारी
हैरानी की बात है कि लोगों में किडनी कैंसर की बीमारी बढ़ती जा रही है। सेक्टर-24 स्थित ईएसआइसी अस्पताल एवं मेडिकल कालेज में पिछले तीन माह में 600 के करीब मरीजों की डायलिसिस कराई है।
फोर्टिस अस्पताल नोएडा की निदेशक और नेफ्रोलाजिस्ट डॉ. अनुजा पोरवाल का कहना है कि किडनी, शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जाे खून साफ करती है। शरीर से वेस्ट निकालना, बीपी कंट्रोल करना और पीएच स्तर संतुलित करने का काम करती है।
ऐसे में किडनी का ख्याल रखना और उसे बीमारियों से बचाना जरूरी है। उनके मुताबिक, बीते वर्षों में किडनी कैंसर के मामले बढ़े हैं। प्रतिमाह करीब 10 से 15 मरीज ओपीडी में ऐसे आते हैं, जिनमें बीमारी पुष्ट होती है या लक्षण दिखते हैं।
खतरनाक हैं ऐसे लक्षण
पहले ज्यादातर मरीज 50 वर्ष वाले होते थे, लेकिन अब यह बीमारी 40 से 45 वर्ष के लोगाें में हो रही है। कई बार मरीज पेशाब में खून आना, कमर में भारीपन या हल्का दर्द, थकावट, अचानक वज़न कम होने जैसे लक्षण को टाल देते हैं, जो बाद में खतरनाक साबित होते हैं। समय पर बीमारी पकड़ में आने पर इलाज होता है।
उन्होंने कहा कि किसी के परिवार में पहले किडनी की बीमारी रही हो या व्यक्ति धूमपान करते हैं तो उन्हें साल में एक बार अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। वहीं, मैक्स स्पेशियलिटी अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट डॉ. सुदीप बोडडुलूरी का कहना है कि किडनी कैंसर के कई कारण हैं, जिनमें परिवार में किडनी कैंसर का इतिहास, धूमपान, अधिक वजन या मोटापा, उच्च रक्तचाप शामिल हैं।
जब किडनी की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़कर ट्यूमर बनाती हैं। तो यह किडनी के काम को प्रभावित कर सकता है। धीरे-धीरे यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। उन्होंने अभिभावकों को जागरूक करते हुए बताया कि बच्चों में विल्म्स ट्यूमर नाम का कैंसर होता है। कोई भी लक्ष्य मिलने पर बच्चों की तुरंत जांच कराएं।