भवन मालिकों को भेजे जाएंगे नोटिस
भवन मालिकों को नोटिस मिलने के दो महीने के भीतर संरचना के आयाम और साइट की योजना के साथ ही विस्तृत जानकारी पेश करनी होगी। अगर कोई नियम का पालन नहीं करेगा तो इमारत को ध्वस्त भी किया जा सकता है या ऊंचाई कम की जा सकती है।
कौन होगा मुआवजे के लिए पात्र?
यदि कोई नियमों का अनुपालन नहीं करता है तो मुख्य अधिकारी को मामले की रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपनी होगी, जिसके बाद आदेश के अनुसार विध्वंस सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
हालांकि, केवल वे व्यक्ति ही भारतीय वायुमान अधिनियम, 2024 की धारा 22 के तहत मुआवजे का दावा करने के लिए पात्र हें, जो आदेशों का अनुपालन नहीं करेंगे। इसके अलावा, अधिसूचना के बाद निर्मित गैर-अनुपालन संरचनाएं मुआवजे के लिए पात्र नहीं होंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अधिसूचना के प्रकाशन के 20 दिनों के अंदर लोगों से आपत्तियां या सुझाव पेश करने को कहा है। नागरिक उड्डयन नियामक DGCA को जवाब भेजे जा सकते हैं।
कब हुआ था हादसा?
बता दें, 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए निकला विमान टेकऑफ के चंद सेकेंडों के बाद ही बड़े हादसे का शिकार हो गया था।
एअर इंडिया का विमान मेघानीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों से में 241 लोगों की मौतो हो गई। मरने वालों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।