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गोरखपुर
बिजली निगम के अभियंता यदि समय से चेत जाते और अपनी जिम्मेदारी निभाते तो राप्तीनगर क्षेत्र के 20 हजार घर उमस भरी गर्मी में बिना बिजली नहीं रहते। पुल के नीचे सड़क निर्माण का अभियंताओं ने ध्यान ही नहीं रखा।
सड़क निर्माण के पहले विद्युत माध्यमिक कार्यखंड को अस्थायी लाइन का निर्माण कराना चाहिए था, लेकिन इस दिशा में कोई प्रयास ही नहीं किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि निर्माण में भूमिगत केबल कटा तब वैकल्पिक स्रोत की याद आई।
किसी तरह जुगाड़ से आपूर्ति तो शुरू कर दी गई लेकिन अस्थायी लाइन न बनाने की जिम्मेदारी अब तक तय नहीं की गई है। हालांकि मामला बढ़ता देख आनन-फानन नाले के ट्रेंच पर केबल डालने का काम शुरू कर दिया गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि पहले ही अस्थायी लाइन बना दी गई होती तो यह नौबत ही नहीं आती।
बरगदवा क्रासिंग पर फ्लाईओवर का निर्माण होने के साथ ही नीचे चौड़ीकरण के साथ ही सड़क का भी निर्माण होना है। यहां सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है। 132 केवी पारेषण उपकेंद्र एफसीआइ से दो भूमिगत केबल बरगदवा क्रासिंग होते हुए राप्तीनगर न्यू उपकेंद्र तक पहुंचाए गए हैं।
बरगदवा में काम शुरू होने से पहले सभी को पता था कि सड़क के किनारे भूमिगत केबल पड़ा है। चौड़ीकरण की प्रक्रिया में केबल सड़क के बीच में आ गया। नियमानुसार ऐसी स्थिति में एक अस्थायी लाइन बनाई जाती है ताकि निर्माण के दौरान बिजली आपूर्ति पर कोई असर न पड़े लेकिन बरगदवा में ऐसा नहीं किया गया।
पहले बनाई जाती है अस्थायी लाइन
जिन स्थानों पर सड़क चौड़ीकरण के साथ निर्माण का काम शुरू किया जाता है वहां की बिजली लाइन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जाती है। निर्माण से जुड़ी कार्यदाई संस्थाएं रुपये बचाने के लिए खुद काम कराती हैं। इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी विद्युत माध्यमिक कार्यखंड की होती है। स्पोर्ट्स कालेज रोड पर सड़क निर्माण के समय पहले अस्थायी लाइन बनाई गई फिर काम शुरू कराया गया लेकिन बरगदवा के मामले में लापरवाही बरती गई।
यह है मामला
एफसीआइ पारेषण उपकेंद्र से राप्तीनगर न्यू उपकेंद्र तक आने वाली भूमिगत लाइन का केबल शनिवार शाम तकरीबन सात बजे निर्माण के दौरान कट गया था। इसके बाद पूरे इलाके की आपूर्ति ठप हो गई थी। यहां बिछाई गई एक लाइन पहले से ही खराब थी। किसी तरह वैकल्पिक व्यवस्था से तकरीबन 24 घंटे बाद आपूर्ति सामान्य की जा सकी थी।
अभियंता ने लिखा था पत्र
निर्माण के दौरान भूमिगत केबल को नुकसान न हो इसके लिए राप्तीनगर के अभियंता ने विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के साथ ही नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा था लेकिन इसका संज्ञान किसी ने नहीं लिया और बिना सूचना दिए खोदाई कर केबल को काट दिया।