मरीज की एनेस्थीसिया में तत्काल इमरजेंसी अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी की गई। सर्जिकल टीम ने फोरसेप की मदद से सावधानीपूर्वक मरीज के पेट से चम्मच निकाला। इस सर्जरी के बाद उन्हें 24 घंटे तक निगरानी में रखा गया। डॉ. रमेश गर्ग के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी प्रक्रिया को 30 मिनट में किया गया और मरीज को अगले ही दिन स्थिर हालत में अस्पताल से छुट्टी दी गई। यह काफी दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण मामला था।
चम्मच जैसी किसी धातु की वस्तु को निगलने से काफी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, खासतौर पर यदि वह छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में फंस जाए तो यह वाकई खतरनाक हो सकता है। अस्पताल के फेसिलिटी डायरेक्टर दीपक नारंग ने बताया कि हमारी टीम ने एनेस्थीसिया के साथ इमरजेंसी अपर जीआई एंडोस्कोपी की और बेहद सटीकता के साथ 8 से.मी. लंबा चम्मच निकाला और इस प्रक्रिया में कोई आंतरिक चोट नहीं पहुंची।