कंचन ने बताया कि तक्ष तैराकी अच्छी तरह जानता था, पिछले साल समर कैंप में भी तैराकी की थी। उसकी सेहत भी ठीक थी। यह हादसा स्विमिंग पूल संचालकों की लापरवाही के कारण हुआ है। जब बच्चा स्विमिंग पूल में उतरा तो वहां किसी तरह की कोई निगरानी नहीं थी। वहां न तो कोई लाइफ गार्ड था और न ही कोई प्रशिक्षित कोच था। गार्ड और कोच होते तो उनके बच्चे की मौत नहीं होती। स्विमिंग पूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं हैं।
उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने फिलहाल लापरवाही की धारा के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। इस बीच, हादसे की सूचना के बाद तक्ष की माता ओमान से शनिवार को दिल्ली पहुंचीं। पोस्टमार्टम के बाद तक्ष का शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मां बोलीं, डेढ़ सौ रुपये के लालच में ले जी जान

बेटे की मौत से दुखी कीर्ति कौशिक ने कहा कि यह सब अस्वीकार्य और अप्रत्याशित है। स्विमिंग पूल संचालक ने केवल अपनी डेढ़ सौ रुपये फीस देखी, उसने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। अगर स्विमिंग पूल का संचालन सही से होता तो उनका बेटा आज उनके पास होता।

आप इतने छोटे बच्चे को स्विमिंग पूल में उतार रहे हो तो निगरानी और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्विमिंग पूल प्रबंधन की है, जिसे न तो संचालक ने ठीक से नहीं निभाया और न ही दिल्ली नगर निगम ने। निगम और संचालक की लापरवाही ने उनके बेटे की जान ले ली।

स्विमिंग पूल परिसर में कोच-गार्ड नहीं, बाउंसर दिखे

तक्ष की मौसी ने कंचन ने बताया कि इस घटना के बाद स्विमिंग पूल परिसर में वे लोग गए तो वहां बाउंसर के अलावा न तो कोई लाइफ गार्ड मिला और न ही कोई कोच मिला। कहीं कोई लाइफ जैकेट नजर नहीं आई।

वे लोग सीसीटीवी फुटेज देखना चाहते हैं,लेकिन बताया गया कि स्विमिंग पूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। प्रशिक्षित कोच या स्पेशल इंस्ट्रक्टर और गार्ड नियुक्ति की जिम्मेदारी नगर निगम को लेनी चाहिए। स्विमिंग पूल सील होना चाहिए।

तीन बहनों के परिवार का इकलौता चिराग बुझा

तक्ष के माता और उनकी दो बहनों के परिवार में तक्ष इकलौता बच्चा था। तक्ष की मृत्यु ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। आंसू रोकने की नाकाम कोशिशों के बीच कंचन बताती हैं कि तक्ष के जाने के बाद सबका जीवन सूना हो गया। शालीमार बाग स्थित टेगौर माडल पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाला तक्ष पढ़ाई और खेल में तेज था। अगले महीने की 11 तारीख को उसका सातवां जन्म दिन मनाना था।

इस घटना की सूचना के बाद नगर निगम ने विभागीय जांच शुरू कर दी है। जांच में जो दोषी पाया गया, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। निगम ने स्विमिंग पूल के संचालन का कार्य किराए पर एक निजी फर्म को दे रखा था। – सुमित कुमार, निदेशक प्रेस एवं सूचना विभाग, दिल्ली नगर निगम