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गोरखपुर
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सिर्फ लखनऊ, आगरा, दिल्ली जैसे कई बड़े शहरों की राह ही नहीं आसान करेगा बल्कि यह औद्योगिक विकास की रफ्तार को भी तेज करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 17 जून को इसका लोकार्पण होने के साथ ही इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। लेकिन, इसके पहले ही यह एक्सप्रेसवे हजारों करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने में मददगार बना है। शानदार कनेक्टिविटी देने के फैसले के साथ ही प्रदेश सरकार ने इस लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रियल कारिडोर (औद्योगिक गलियारा) बसाना शुरू कर दिया था।
जैसे-जैसे एक्सप्रेसवे का निर्माण आगे बढ़ता गया, इंडस्ट्रियल कारिडोर भी आकार लेता गया। देश और दुनिया की नामी कंपनियों की दस्तक यहां पहले से ही होने लगी है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बसे इंडस्ट्रियल काॅरिडोर में हजारों करोड़ रुपये के निवेश और हजारों नौजवानों को रोजगार मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यही वजह है कि विशेषज्ञ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को सिर्फ एक रास्ता नहीं बल्कि पूर्वांचल का औद्योगिक भविष्य भी मान रहे हैं।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने अपने दो महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर (27 और 28) लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर ही विकसित किए हैं। एक्सप्रेसवे के शुरुआती बिंदु पर ही बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) पेप्सिको का बाटलिंग प्लांट करीब 1100 करोड़ रुपये के निवेश वाले इस प्लांट का शिलान्यास और उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।
आज यहां उत्पादन जारी है और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बसाए गए इंडस्ट्रियल सेक्टर में ही एमएनसी कोका कोला और बिसलेरी ने भी गीडा से प्लांट लगाने के लिए भूमि की मांग की है। जल्द ही उन्हें भूमि आवंटित भी कर दी जाएगी।
गीडा की देखरेख में 92 यूनिट्स वाला प्लास्टिक पार्क भी लिंक एक्सप्रेसवे के इंडस्ट्रियल कारिडोर में विकसित हो रहा है। यहां 60 यूनिट के लिए भूमि का आवंटन हो चुका है और इनमें से कई के प्लांट का निर्माण जारी है। लिंक एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी ने बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित किया है।
यही वजह है कि कपिला कृषि उद्योग, एपीएल अपोलो ट्यूब्स, एसएलएमजी, टेक्नोप्लास्ट सहित करीब सौ उद्योगों के लिए भूमि या तो दे दी गई है, या आवंटन की प्रक्रिया में है। कई इकाइयों के निर्माण हो गए हैं और कुछ के जारी हैं।