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कानपुर
कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के साथ ही बजट को स्वीकृति मिलने का इंतजार है। बीते दिनों में सड़क परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक सदस्य आइएएस विशाल चौहान ने झांसी जाते समय स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी।
इसकी विस्तृत रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक बताया कि 25 जून तक डीपीआर स्वीकृति के साथ ही बजट को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
मार्च माह में कनपुर-कबरई ग्रीन हाईवे के निर्माण को लेकर एनपीजी (नेशनल प्लानिंग ग्रुप) ने स्वीकृति प्रदान की थी। कानपुर से कबरई तक बनने वाले फोरलेन ग्रीन हाईवे प्रोजेक्ट 112 किलोमीटर लंबा होगा। इसके निर्माण में लगभग 3700 करोड़ रुपये बजट खर्च का अनुमान है।
केंद्रीय परिवहन सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के आदेश के बाद इस ग्रीन हाईवे के निर्माण की रूपरेखा तैयार होने लगी है। ग्रीन हाईवे कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर व महोबा जिले के 96 गांव की सीमाओं से होकर गुजरेगा।
इस हाईवे के बनने से कानपुर-सागर मार्ग पर वाहनों को बोझ भी कम हो जाएगा। ग्रीन हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह ही बनेगा। वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर महोबा जिले के कबरई तक ग्रीन हाइवे बनाने का निर्णय लिया था।
एनएचएआइ के अधिकारियों ने बताया कि बीते सप्ताह सड़क परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक सदस्य विशाल चौहान झांसी जाते समय प्रस्तावित हाईवे की समीक्षा करने के साथ ही निरीक्षण किया था। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है। इसी माह 25 जून तक डीपीआर के साथ ही बजट स्वीकृति मिल सकती है।
यह होता है ग्रीन हाईवे
ग्रीन हाईवे, नए ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ते हुए बनाया जाता है। इसके लिए नए इलाकों को चिन्हित किया जाएगा। ग्रीन हाईवे बनाने का मकसद घनी आबादी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़कर विकसित करने का रहेगा।