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पटना
भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस से अपनी करीबियों को लेकर चर्चा में रहे ठेकेदार रिशुश्री और उससे जुड़े सिंडिकेट के नौ ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक साथ छापा मारा है।
छापेमारी पटना के साथ ही मुजफ्फरपुर, पानीपत और गुजरात में की गई है। जिन लोगों के ठिकानों पर ईडी का छापा मारा है, वे सब रिशुश्री के करीबी बताएं जाते हैं।
इनमें एक चार्टर्ड एकाउंट, एक ट्रैवल एजेंट व अन्य कारोबारी शामिल हैं। इनमें एक राज्य के सरकारी महकमे में तैनात अवर सचिव स्तर का एक पदाधिकारी भी है, जिसके यहां छापे पड़े हैं।
रिशुश्री का नाम पहली बार आईएएस संजीव हंस पर चल रहे मुकदमों और ईडी की कार्रवाई में सामने आया था। इस पर आरोप है कि यह अपने कई लोगों के नाम पर कंपनियां बनाकर सरकारी विभागों में टेंडर मैनेज करने का काम करता था।
रिशुश्री के हंस से करीबी और उसके कारनामों पर प्रवर्तन निदेशालय ने 10 पेज की एक रिपोर्ट बनाकर प्रदेश की विशेष निगरानी इकाई को भेजा था।
जिसके बाद विशेष निगरानी ने रिशुश्री के साथ ही संजीव हंस, रिशुश्री के कर्मचारी संतोष कुमार, मैत्रिस्वा इंफ्रा प्रा. लि के निदेशक पवन कुमार समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज की थी।
रिशुश्री पर आरोप है कि वह मोटा कमीशन देकर सरकारी विभागों में टेंडर मैनेज कर अपनी बेनामी कंपनियों के नाम कर लेता था। बाद में इस टेंडर को बड़ी कंपनियों को मोटा कमीशन लेकर सौंप दिया जाता था।
ईडी ने अपनी इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर गुरुवार को पटना के गोला रोड में रिशुश्री के कारोबार में सहयोगी ट्रैवल एजेंड विनोद कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर में रिशुश्री के चार्डर्ड एकाउंटेंट अविनाश कुमार व पानीपत और गुजरात में इसके नौ ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
एक विभाग के अंडर सेक्रेटरी के ठिकानों पर छापे की खबर है। सूत्रों ने बताया पानीपत में जिस ट्रैवल एजेंस के ठिकानों पर छापा मारा गया है वह रिशुश्री के कहने पर अधिकारियों के लिए विदेश टूर में टिकट से लेकर रहने, खाने-पीने तक की व्यवस्था करता था
हालांकि, ईडी अब तक इस मुद्दे पर मौन है और छापामारी के दौरान क्या कुछ बरामद हुआ है इसे साझा करने से बच रही है।
दूसरी ओर सूत्रों की माने तो अब तक की कार्रवाई में ईडी ने कई महत्वूपर्ण दस्तावेज, कुछ कंप्यूटर हार्ड डिस्क, कुछ अधिकारियों, उनकी पत्नियों और अन्य रिश्तेदारों के बारे में प्रमाण मिले हैं।