टेकऑफ में होता है सबसे ज्यादा जोखिम
क्या है कॉन्फिगरेशन एरर?
टेकऑफ के दौरान प्लेन के फ्लैप्स, थ्रस्ट, रोटेशन (तय समय पर टेकऑफ) और लैंडिंग गियर उठाने जैसी चीजों को मैनेज करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में अगर पायलट प्लैप्स की सेटिंग गलत कर दे, कम थ्रस्ट और समय से पहले टेकऑफ (रोटेशन) या लैंडिंग गियर न उठाने जैसी गलतियां कॉन्फिगरेशन एरर में गिनी जाती हैं।
कॉन्फिगरेशन एरर के नुकसान
अहमदाबाद में कैसे हुआ कॉन्फिगरेशन एरर?
अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ एअर इंडिया के विमान AI171 (बोइंग 787, VT-ANB) में GE GEnx इंजन लगा था। टेकऑफ के 5-9 मिनट बाद विमान सिर्फ 825 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच सका था। उस दौरान विमान की रफ्तार 174 नॉट (320 किमी प्रति घंटा थी। हालांकि बोइंग 787 को टेकऑफ के लिए 200-250 नॉट की रफ्तार चाहिए होती है।
लैंडिंग गियर भी थे नीचे
क्रैश विमान के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि प्लेन के लैंडिंग गियर नीचे हैं, जो टेकऑफ के समय ऊपर हो जाने चाहिए थे। GE GEnx इंजन को सबसे भरोसेमंद इंजन माना जाता है। वहीं, एक-साथ विमान में लगे दोनों इंजन फेल होना काफी रेयर है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अहमदाबाद विमान हादसे की वजह पायलट की लापरवाही (कॉन्फिगरेशन एरर) वजह हो सकती है।