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छपरा
लालू प्रसाद यादव की कर्मभूमि सारण जिला में राजद जिलाध्यक्ष का चुनाव गले की फांस बनता हुआ दिखाई दे रहा है। दस मई के दिन पार्टी कार्यालय में हंगामे की भेंट चढ़े चुनाव कार्यक्रम में वर्तमान अध्यक्ष के समर्थकों द्वारा अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की घटना के बाद मामले में लगातार उबाल बना हुआ है और घटनाक्रम रोचक होता जा रहा है।
जिले के कई वर्तमान पदाधिकारी जिनकी नजर जिलाध्यक्ष पद पर लगी हुई है और आम सहमति की स्थिति बनाने की पहल कर रहे निर्वाची पदाधिकारी के अनुरोध के बाद तो मामला और गंभीर हो गया। उसके बाद वर्तमान अध्यक्ष के शागिर्दों पर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओ के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा है।
अध्यक्ष पद के कई दावेदारों ने बताया कि जो स्थिति पार्टी कार्यालय में पार्टी निर्वाची पदाधिकारी के सामने पैदा हुई थी, उसके लिए कमोबेश निर्वाची पदाधिकारी ही दोषी हैं, क्योंकि जब लोकतांत्रिक तरीके से दल के समर्पित कार्यकर्ता अपनी दावेदारी पेश करते हुए अपना पर्चा सौंपने निर्वाची अधिकारी के पास पहुंचे तो उन्होंने पर्चा स्वीकार नहीं किया और मौके से बाहर निकल गए।
उसके बाद भगदड़ की स्थिति बनी और फिर धक्कामुक्की जैसी हालत बना दी गई जो कि पार्टी हित में नहीं है। जानकारी मिल रही है कि मुकेश यादव उर्फ सोनू यादव, अब्दुल कय्यूम अंसारी, पूर्व प्राचार्य शंकर प्रसाद यादव, राजा यादव, मुंद्रिका प्रसाद यादव जिलानी मोबिन सरीखे नेताओ ने अपना निर्वाचन पत्र पटना पहुंच कर प्रदेश निर्वाची पदाधिकारी तनवीर हसन को सौंपा है।
प्रदेश निर्वाची पदाधिकारी से दावेदारों ने कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जो निर्णय लेंगे वह सबको मंजूर होगा। वर्तमान जिलाध्यक्ष को हटाने की मांग नेताओ ने की है।
पटना पहुंचे नेताओ ने कहा है कि वर्तमान अध्यक्ष के प्रति पार्टी में असंतोष है। उनकी कार्यशैली से पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। बहरहाल, सारण जिला राजद अध्यक्ष का चुनाव फिलहाल अधर में लटका हुआ है और सब टकटकी लगाये लालू प्रसाद यादव की तरफ देख रहे हैं। जिला कार्यालय में हुए हंगामे के बाद पार्टी सोच समझ कर ही फैसला लेगी।