आरोप है कि शिक्षा माफियाओं, कालेज संचालकों से दुरभि संधि कर छात्र वृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की अनियमितताओं को अनदेखा किया। इनकी लापरवाही के चलते ही छात्रवृत्ति में सैकड़ों करोड़ रुपये का घपला हो गया। अब इन अधिकारियों से उनकी वर्तमान तैनाती स्थल पर नोटिस आदि देने के कार्रवाई चल रही है।

जिले के 45 अधिकारी कर चुके हैं जांच में सहयोग

जासं, मथुरा: आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की मांग पर जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने 45 अधिकारियों की टीम को इस मामले की विवेचना में लगाया था। जांच अधिकारियों को 22 कालेज को मौके पर बंद मिले। जांच में यह भी पता चला कि कई ऐसे विद्यालयों को मान्यता भी दे दी गई थी कि जहां विद्यालयों का नामोनिशान भी नहीं था।

कई प्रतिष्ठत संस्थानों को जारी हो चुके हैं नोटिस

जिले में कई प्रतिष्ठित संस्थानों को बिना मान्यता व्यावसायिक कोर्स संचालित कराने के मामले में नोटिस जारी किए जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि अब इस मामले की विस्तृत जांच होगी। अब जांचकर्ता प्रत्येक कालेज के छात्रवृत्ति संबंधी पूरे ब्यौरे को खंगालेंगे। साथ ही छात्रवृत्ति लेने वालों से फोन कर पूछेंगे कि वे अमुक विद्यालय या विश्वविद्यालय में कब से कब तक छात्रवृत्ति लेते रहे।