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पटना
दीघा में बनने वाला राज्य का सबसे बड़ा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) सौर ऊर्जा से संचालित होगा। इस एसटीपी का निर्माण अंतिम चरण में हैं। इसकी क्षमता 100 एमएलडी निर्धारित की गई है। इसी एसटीपी में कुर्जी नाला, राजापुर एवं मंदिरी नाले के पानी को शुद्ध किया जाएगा।
इसका नेटवर्क एरिया लगभग 300 किलोमीटर होगा। इसका निर्माण बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना निगम (बुडको) द्वारा किया जा रहा है। यहां पर प्रतिदिन चार से पांच मेगावाट बिजली उत्पादित की जाएगी।
यह राज्य का पहला एसटीपी होगा जो सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। दीघा से लेकर गोलघर तक का पानी पहुंचेगा। एसटीपी में दीघा में बनने वाले एसटीपी में दीघा से गोलघर तक का गंदा पानी शुद्ध किया जाएगा।
इसके लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। मंदिरी नाले का पानी दीघा लाने के लिए दुजरा में संप का निर्माण किया जा रहा है। वहां पर पाइप के माध्यम से पानी दीघा एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा।
अगले तीस वर्षों के लिए बन रहा दीघा एसटीपी
आगामी तीस वर्षों की आबादी को ध्यान में रखकर इस एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर शुद्ध किया गया पानी सीधे गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। जून के अंत तक इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। अगले तीन माह एसटीपी का ट्रायल चलेगा।
चार चैंबरों में शुद्ध होगा गंदा पानी
दीघा एसटीपी में आने वाले पानी को चार चैंबरों में शुद्ध किया जाएगा। प्रथम चरण में पानी को स्थिर कर उससे कचरे को अलग किया जाएगा। उसके बाद के दो चैंबर में क्लोरीन मिलाकर मशीन से पानी को साफ किया जाएगा। चौथे चरण में पानी आने के बाद उसे गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।
किसान सिंचाई के लिए कर सकते हैं पानी का उपयोग
विशेषज्ञों का कहना है कि दीघा के किसान एसटीपी से निकलने वाले पानी का उपयोग कर सकते हैं। दीघा एसटीपी के समीप सब्जी की खेती की जाती है। इस पानी के उपयोग से फसलों की पैदावार बढ़ सकती है।