रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का लक्ष्य 12 से 18 महीने में प्रोटोटाइप को पूरा करना है, उसके बाद उपयोगकर्ता परीक्षण होंगे, जो 12 से 36 महीने तक चल सकते हैं। प्रोजेक्ट कुशा का नेतृत्व DRDO कर रहा है और इसका उद्देश्य एक ऐसा सिस्टम बनाना है जो ड्रोन, विमान और मिसाइल जैसे विभिन्न हवाई खतरों को मुकाबला कर सके।

BEL के अध्यक्ष का बयान

बीईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मनोज जैन ने कहा कि हम डीआरडीओ के साथ विकास साझेदार हैं और संयुक्त रूप से कुशा की कई सिस्टमों को बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के रडार और नियंत्रण प्रणालियां विकसित की जा रही है।

प्रोजेक्ट कुशा के अलावा, बीईएल क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एअर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम पर भी काम कर रहा है। कंपनी को इस परियोजना के लिए 30,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है, जो भारतीय सेना और वायु सेना की संयुक्त आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

आकाश वायु रक्षा प्रणाली ने किया बेहतरीन प्रदर्शन

बीईएल द्वारा बनाई गई आकाश मिसाइल प्रणाली ने बेहतरीन प्रदर्शन कर हालिया सफलता से ध्यान आकर्षित किया है। आकाश एक वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग सिस्टम है जिसे विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विकसित किा गया है।

यह कई हवाई लक्ष्यों की वास्तविक समय की निगरानी और संलग्नता को सक्षम बनाता है और सेंसर और हथियार प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक ही ढांचे में एकीकृत करता है।