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शाहजहांपुर
मां जन्म देती है मगर, आरंभिक परवरिश तो दादी-नानी के अनुभवी हाथों से ही मिलती है। अफसोस, तीन दिन की इस बिटिया को दादी और नानी ने ही जिंदा दफन कर दिया। उसकी मां को ताने दिए कि दूसरी लड़की पैदा कर दी अब इसे कौन पालेगा, इसका होंठ कटा होने से भविष्य क्या होगा…? बेबस मां दबाव में आकर चुप हो गई और दोनों बुजुर्ग महिलाओं ने उस बच्ची से पीछा छुड़ाने के लिए पाप कर दिया।
गनीमत रही कि समय रहते कर्मचारी की निगाह पड़ गई, इसलिए बच्ची को सकुशल गड्ढे से निकाल लिया गया। सोमवार शाम को पुलिस ने दोनों महिलाओं को बुलाकर काउंसलिंग की।
शहर में रहने वाले मजदूर की पत्नी ने शुक्रवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज में बेटी को जन्म दिया था। इस पर सास ताने देने लगी कि चार वर्षीय बड़ी बेटी पहले से है, अब दूसरी बेटी को कैसे पालेंगे। अगले दिन महिला की मां देखने आई तो उसने भी चिंता जताई कि नवजात का होंठ कटा है, उसका जीवन कैसे कटेगा।
थैले में ले जाकर गड्ढा में दबाया
पुलिस के अनुसार, सोमवार दोपहर को दादी और नानी ने बच्ची को थैले में रखा और अजीजगंज स्थित नगर निगम के निर्माणाधीन कार्यालय के पास पहुंच गईं। वहां खन्नौत नदी किनारे रेत में गड्ढा कर बच्ची को दफन कर लौट गईं। इस बीच कर्मचारी प्रभाकर की निगाह पड़ चुकी थी, इसलिए उन्होंने थाने सूचना कर दी
चाइल्डलाइन टीम ने की काउंसलिंग
पुलिसकर्मी तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज ले गए, वहां बच्ची की मां और दादी, नानी की पहचान लिया गया। बच्ची के पिता को भी बुलाया गया, उन्हें बच्ची को दफनाए जाने की सूचना नहीं थी। बाद में चाइल्डलाइन टीम ने सभी की काउंसिलिंग की। बच्ची को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया, उसकी हालत सामान्य है। देर शाम महिला को लेकर उसकी सास व मां घर चली गई। पिता अस्पताल में देखरेख के लिए रुके थे।
जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा ने बताया कि बच्ची को स्वजन साथ रखने के लिए तैयार हो गए हैं, लेकिन पहले उसको बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। वहां से ही निर्णय होगा।
हो सकती प्राथमिकी दर्ज
कानून के जानकार बताते हैं कि यह कृत्य हत्या के प्रयास होने के कारण प्राथमिकी भी दर्ज हो सकती है। इस पर बाल कल्याण समिति निर्णय लेगी। थाना प्रभारी अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि बच्ची को समय रहते बचा लिया गया। यदि तहरीर आई तो कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।