शासन-प्रशासन चाहे तो चंद घंटों का काम है। इस बारे में स्थानीय विधायक से लेकर शिक्षा विभाग के उप निदेशक व स्कूल प्रभारी तक संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब को तैयार नहीं हुआ।
तीन हजार से ज्यादा छात्रों को मिलेगा लाभ
किराड़ी क्षेत्र के प्रेमनगर में नवनिर्मित खूबसूरत राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय व बाल विद्यालय की इमारत बरबस ही सबका ध्यान खींच रही है। नवनिर्मित खूबसूरत सरकारी स्कूल की इमारत का चार माह पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी ने लोकार्पण किया था।
दो शिफ्टों में चलेगा सरकारी स्कूल
आतिशी ने कहा था कि नई इमारत बनने से तीन हजार से ज्यादा छात्रों को लाभ होगा। यहां पर प्रेम नगर की 10-12 कॉलोनियों के बच्चे पढ़ने के लिए दाखिला ले सकेंगे। यह दो शिफ्टों में चलने वाला सरकारी स्कूल है। लड़कियों के लिए साइंस स्ट्रीम भी उपलब्ध है। स्कूल कुल 72 कमरे हैं। इस उजले पहलू के पीछे स्याह तसवीर अब लोगों के सामने आई। इतनी भव्य इमारत में बिजली और पानी तक की सुविधा नहीं है, यह जानकर सब चौंक गए।
मंगलवार को अपनी लड़की के दाखिले के लिए स्कूल आए ऋषिपाल सिंह यादव बताते हैं कि लड़की तीसरी कक्षा में क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल में थी। यह स्कूल घर के नजदीक है, इसलिए वहां से नाम कटवा दिया और यहां दाखिला नहीं मिल रहा है। 10-12 दिन से उनकी बच्ची घर पर हैं।
दाखिले के लिए हर रोज चक्कर काट रहे अभिभावक
अब नोटिस लगाकर बिजली-पानी की सुविधा नहीं होने की बात कह रहे हैं। अभिभवावक ईश्वर चंद मौर्या का कहना है कि वे बच्चों के दाखिले के लिए डेढ़ महीने से चक्कर लगा रहे हैं। पहले मार्च में दाखिले होने की बात बताई, फिर अप्रैल बताया गया।
अब कहा जा रहा है कि स्कूल में काम चला है। ये बताने वाला कोई नहीं कि काम कब पूरा होगा, बच्चों के दाखिले कब होंगे। स्कूल प्रभारी व तीन-चार स्टाफ सदस्य कभी-कभार मिलते हैं। अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को पढ़ने के लिए दो से पांच किलोमीटर जाना पड़ता है। रास्ते में रेलवे पटरी पड़ती हैं, इस वजह से जोखिम भी रहता है।
नोटिस में क्या लिखा है?
लगभग 15 दिन पहले शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल के मुख्य गेट पर नोटिस चस्पाया गया, नोटिस में कहा गया कि सभी अभिभावकों एवं क्षेत्रवासियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में जब तक बिजली, पानी एवं सीवरेज की समुचित व्यवस्था पूर्ण रूप से स्थापित नहीं हो जाती, तब तक विद्यालय में कक्षाएं आरंभ करना संभव नहीं है।
प्रशासन इन मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के लिए लगातार प्रयासरत है और शीघ्र ही इनका समाधान किया जाएगा। परंतु तब तक आप सभी अभिभावकों से विनम्र अनुरोध है कि अपने बच्चों को वहीं अध्ययनरत रखें जहां वे पूर्व में पढ़ रहे हैं। जैसे ही विद्यालय में बिजली, पानी और सीवरेज की सुविधा सुनिश्चित हो जाती है, विद्यालय संचालन की प्रक्रिया तत्काल आरंभ कर दी जाएगी। अंत में असुविधा के लिए विभाग की ओर से अभिभावकों से माफी भी मांगी है।
चुप्पी साध गए जनप्रतिनिधि व अधिकारी
इस बारे में किराड़ी से विधायक अनिल झा से संपर्क किया, उन्होंने यह कहते हुए कुछ टिप्पणी से इन्कार कर दिया कि कार्यालय आकर मिलिए। इसके बाद शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक वीपी सिंह से संपर्क किया, लेकिन वे इस मसले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए।
इसके बाद स्कूल प्रभारी भीम सेन से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। इस संदर्भ पर वाट्स एप मैसेज भेज कर उनका पक्ष मांगा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। एक अन्य स्टाफ सदस्य से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह उनका यहां से तबादला हो चुका है।
काम पूरा होने के बाद ठेकेदार ने कटवा दिया बिजली कनेक्शन
बताया जाता है कि इमारत निर्माण के लिए ठेकेदार की ओर से लिए गए बिजली कनेक्शन से ही काम चल रहा था। 15-20 दिन पहले ठेकेदार ने अपना बिजली कनेक्शन कटवा दिया। इस कारण समस्या बढ़ गई है। यह भी जानकारी मिली है कि स्टाफ की ओर से बिजली व पानी कनेक्शन के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा गया है।
41 रुपये में डीडीए से दिलवाई थी जमीन
प्रेमनगर में सरकारी स्कूल के लिए कोर्ट में पीआइएल दायर करने वाले मोहन पासवान का कहना है कि एक सरकार ने उद्घाटन के लिए जल्दी दिखाई तो अब शासन-प्रशासन स्कूल को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
उन्होंने बताया कि उनकी संस्था की ओर से 2019 में पीआइएल लगाई थी। इसके बाद डीडीए ने 41 रुपये में स्कूल के लिए करीब चार हजार वर्ग गज जगह दी। कोविड के कारण काम रुका था। 2021 में काम शुरू हुआ। चार साल बीत चुके हैं, स्कूल शुरू नहीं हो पाया। कोशिश है कि गर्मी के अवकाश के बाद स्कूल शुरू हो।