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सहारनपुर
अपने तीखे वक्तव्यों से हमेशा चर्चा में रहने वाले सहारनपुर से लोकसभा सदस्य इमरान मसूद ने इंडी गठबंधन को आईना दिखाते हुए चुनौती भरे लहजे में घोषणा कर दी कि आगामी विधानसभा चुनावों में सहारनपुर की सातों सीटों पर कांग्रेस दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी।
बुधवार को फतेहपुर गेस्ट हाउस में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में बोलते हुए इमरान मसूद ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पीडीए का नहीं, पीडीएमए का करिश्मा रंग लाएगा। पीडीएमए का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि पिछड़ा दलित व मुस्लिम के साथ उन्हें बड़ी संख्या में अगड़े वर्ग का भी समर्थन मिल रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव में यही समीकरण सहारनपुर में विजय का परचम लहराएगा।
कांग्रेस ही भाजपा से ले सकती है टक्कर: इमरान मसूद
इमरान मसूद ने कहा कि सिर्फ कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भाजपा से टक्कर लेकर उसे चुनाव में धूल चटा सकती है। लोकसभा चुनाव में उनकी जीत में अखिलेश यादव का कोई रोल नहीं रहा। उनकी जीत सिर्फ कांग्रेसी नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के आशीर्वाद की जीत है।
सपा विधायक आशु मलिक को लेकर उनके विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान पर सांसद इमरान मसूद ने कहा कि कुछ गिने चुने लोग फेसबुक के माध्यम से ही चुनाव लड़ने का दम भर रहे हैं।
‘संसद में बोलने तक की हिम्मत नहीं’
यदि लड़ना है तो कार्य करके दिखाएं, फिर उनसे मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम कौम का हिमायती बनने का दावा करने वाले नेताओं में संसद में बोलने तक की हिम्मत नहीं है। परंतु उनके द्वारा वक्फ विधेयक पर सरकार का डटकर मुकाबला किया जा रहा है। वह सुप्रीम कोर्ट में इसके मुख्य वादी हैं।
सरकार भले ही संसद में उनके द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने से बचती रहे परंतु उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना ही होगा। इमरान मसूद ने फतेहपुर कलसिया रोड के लिए धनराशि स्वीकृत करने से लेकर अस्पताल आदि बनवाने के लिए अपने कार्यों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि वह ऐसे गद्दारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे जो पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचाते रहे हैं।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष संदीप राणा, पूर्व जिला अध्यक्ष चौधरी मेहरबान आलम, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी इरशाद, पूर्व ब्लाक प्रमुख राव फजलुर रहमान, पूर्व विधायक मसूद अख्तर, एमएलसी शाहनवाज आलम, जावेद साबरी, हरिओम मिश्रा, महानगर अध्यक्ष मनीष त्यागी,राव अतहर, सायान मसूद, हमजा मसूद, जीशान अहमद, मुस्तकीम अंग्रेज, राव मुकर्रम, जीशान, कारी रिहान आदि ने भी अपने विचार रखें।