यदि लड़ना है तो कार्य करके दिखाएं, फिर उनसे मुकाबला करें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम कौम का हिमायती बनने का दावा करने वाले नेताओं में संसद में बोलने तक की हिम्मत नहीं है। परंतु उनके द्वारा वक्फ विधेयक पर सरकार का डटकर मुकाबला किया जा रहा है। वह सुप्रीम कोर्ट में इसके मुख्य वादी हैं।
सरकार भले ही संसद में उनके द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने से बचती रहे परंतु उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना ही होगा। इमरान मसूद ने फतेहपुर कलसिया रोड के लिए धनराशि स्वीकृत करने से लेकर अस्पताल आदि बनवाने के लिए अपने कार्यों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि वह ऐसे गद्दारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे जो पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचाते रहे हैं।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष संदीप राणा, पूर्व जिला अध्यक्ष चौधरी मेहरबान आलम, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी इरशाद, पूर्व ब्लाक प्रमुख राव फजलुर रहमान, पूर्व विधायक मसूद अख्तर, एमएलसी शाहनवाज आलम, जावेद साबरी, हरिओम मिश्रा, महानगर अध्यक्ष मनीष त्यागी,राव अतहर, सायान मसूद, हमजा मसूद, जीशान अहमद, मुस्तकीम अंग्रेज, राव मुकर्रम, जीशान, कारी रिहान आदि ने भी अपने विचार रखें।