फाइनल लाइसेंस जल्द होगा जारी
अरबों डॉलर का आ सकता है खर्च
स्पेसएक्स के लिए भारत में अपनी सर्विस का रोलआउट अरबों डॉलर का हो सकता है। जबकि भारत के कंज्यूमर ब्रॉडबैंड मार्केट का सिर्फ 1 परसेंट हासिल करने से स्पेसएक्स को हर साल लगभग 1 बिलियन डॉलर मिल सकते हैं। बता दें कि स्टारलिंक को LoI मिलने का मतलब है कि स्पेसएक्स जल्द ही भारत में अपनी सर्विस को डिस्प्ले कर सकेगा। स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत में वनवेब की तरह ही समझें। वनवेब पहले से ही भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस ऑफर कर रहा है और एयरटेल की कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी है।
जियो और एयरटेल ने एग्रीमेंट पर किए हस्ताक्षर
इस साल की शुरुआत में जियो और एयरटेल दोनों ने स्पेसएक्स के स्टारलिंक के साथ भारत में यूजर्स के लिए अपनी सर्विस लाने के लिए एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे। इस डील की घोषणा मार्च 2025 में की गई थी और यह स्पेसएक्स द्वारा देश में स्टारलिंक को बेचने के लिए आवश्यक मंजूरी मिलने पर डिपेंड करता है। जो अब कंपनी को मिल गई है। हालांकि कंपनी ने अभी कुछ भी ऑफिसियल तौर पर कंफर्म नहीं किया है, सिर्फ रिपोर्ट में ही यह जानकारी सामने आई है।