‘भारत ने कई देशों के साथ साधा संपर्क’
उधर, विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी मिली है कि आपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के साथ ही भारत ने दुनिया के कई देशों के साथ संपर्क साधा है और इस कार्रवाई के पीछे की आवश्यकता के बारे में अपना पक्ष रखा है। भारत ने खास तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब और यूएई की सरकारों को आपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी है।
आतंकवाद को पनाह देता था पाकिस्तान
बहरहाल, प्रेस कांफ्रेंस में विदेश सचिव मिसरी ने विस्तार से पहलगाम हमले के पीछे की पाकिस्तान की साजिश और इसके बाद भारत की रणनीति के बारे में बयान दिया। मिसरी ने कहा कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन द रेसिसटेंस फोर्स (टीआरएफ) संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आंतकवादी घोषित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा है। भारत ने मई और नवंबर, 2024 में आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष समिति को टीआरएफ के बारे में जानकारी दी थी। इसमे बताया गया था कि पाकिस्तान पोषिद आतंकवादी संगठनों के मुखौटे के तौर पर यह काम कर रहा है।
UN की लिस्ट से TRF को हटाना चाहता था पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र ने की थी पहलगाम हमले की निंदा
मिसरी ने साजिद मीर का उदाहरण दिया कि कैसे पाकिस्तान सरकार ने पहले उसके मारे जाने की सूचना दी लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा तो उसको गिरफ्तार भी कर लिया। विदेश सचिव ने आगे कहा कि, “पहलगाम हमले के बाद जम्मू व कश्मीर और पूरे देश में बहुत ज्यादा गुस्सा देखा गया है। वैसे भारत सरकार ने 23 अप्रैल को कुछ कदम उठाये थे लेकिन यह जरूरी समझा गया कि 22 अप्रैल के घटना को अंजाम देने वालों और उनके समर्थकों पर न्यायसंगत कार्रवाई हो।