‘जनता का भरोसे खो देते ये फैसले’
इसको लेकर कोर्ट ने कहा, अलग-अलग बेंचों से आने वाले असंगत फैसले जनता के भरोसे को हिला देते हैं और मुकदमेबाजी को सट्टेबाजों के खेल में बदल देते हैं। यह फोरम शॉपिंग जैसी विभिन्न कपटी तीखे व्यवहारों को जन्म देता है जो न्याय की स्पष्ट धारा को बिगाड़ते हैं।
कर्नाटक हाई कोर्ट से जुड़ा है मामला
अब कोर्ट ने विवादित फैसले की जांच करने के बाद इस पर फैसला सुनाया है, उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि जज ने एफआईआर/आरोपपत्र में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या अन्यथा के संबंध में जांच शुरू करके कानूनी रूप से गलती की है।’ अदालत ने कहा कि जज ने एफआईआर में दर्ज हमले की प्रकृति की तुलना घाव प्रमाण पत्र के संबंध में की और आरोपों को असत्य पाया।
पति-पत्नी विवाद को लेकर याचिका दायर
अदालत का यह आदेश पत्नी की उस याचिका पर आया है जिसमें उसने अपने अलग हुए पति के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी।