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दिल्ली
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मंडोली रोड मार्केट में फल व सब्जी विक्रेताओं को पहचान उजागर करने के निर्देश दिए हैं। मार्केट एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जो भी रेहड़ी वाला पहचान को उजागर नहीं करेगा मार्केट में वह रेहड़ी नहीं लगा पाएगा।
एसोसिएशन रेहड़ी वालों के आधार कार्ड भी अपने कार्यालय में जमा कर रही है। पहचान उजागर का मार्केट में असर भी देखने को मिल रहा है। एसोसिएशन का दावा है कि पहचान उजागर करने के निर्देश देने पर बहुत से मुस्लिम फल व सब्जी विक्रेताओं ने मार्केट में रेहड़ी लगानी बंद कर दी है।
मार्केट एसोसिएशन के निर्देश पर मैंने अपने आधार कार्ड की कापी उनके कार्यालय में जमा करवा दी है। बोर्ड भी बनने के लिए दे दिया है। जो नियम तय किए गए हैं उसके अनुसार व्यापार करूंगा। – फरीद, फल विक्रेता
आतंकियाें ने जो किया वह बहुत गलत था, उन्हें ऐसी सजा देनी चाहिए कि उनकी रूह कांप जाए। मैं उनकी सजा गरीब विक्रेताओं को नहीं दूंगा, बिना धार्मिक पहचान जाने पहले की तरह सामान खरीदता रहूंगा। -ब्रह्म सिंह, ग्राहक
पहलगाम में धर्म पूछकर मारी गई थी गोली, इसलिए उठाया गया कदम : बिन्नी वर्मा
मंडोली रोड मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष बिन्नी वर्मा ने कहा कि पहलगाम में धर्म पूछकर आतंकियों ने हिंदुओं की हत्या की है। इस आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया। उन हिंदुओं का कोई कसूर नहीं था। इस हमले के बाद मार्केट में कदम उठाया गया है कि फल व सब्जी विक्रेता अपने नाम को उजागर करके सामान बेचेंगे।
मार्केट में रेहड़ी लगाने वाले सभी विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह रेहड़ी पर अपने नाम का बोर्ड लगाएं। जो अपनी पहचान को उजागर नहीं करेगा उसे मार्केट में रेहड़ी नहीं लगाने दी जाएगी। ग्राहक को पता होना चाहिए वह किससे सामान खरीद रहा है। कई रेहड़ी वालों ने बोर्ड लगा भी लिए हैं।
अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने सभी रेहड़ी वालों को एसोसिएशन के आफिस में आधार कार्ड की कापी जमा करने को कहा है। 74 रेहड़ी वालों ने कापी जमा करवा दी है। यह कापी इसलिए ली गई है अगर कोई रेहड़ी वाला वारदात करता है तो पता होना चाहिए वह कहां रहता है।
क्या बोले दुकानदार?
मैंने अपनी रेहड़ी पर बोर्ड लगाया ताकि सामान खरीदने वाले ग्राहक को पता रहे कि मेरा क्या नाम है। एसोसिएशन का प्रयास अच्छा है, सभी मार्केट में ऐसा होना चाहिए। – सुनील कुमार, फल विक्रेता
मार्केट एसोसिएशन के निर्देश पर मैंने अपने आधार कार्ड की कापी उनके कार्यालय में जमा करवा दी है। बोर्ड भी बनने के लिए दे दिया है। जो नियम तय किए गए हैं उसके अनुसार व्यापार करूंगा। – फरीद, फल विक्रेता
आतंकियाें ने जो किया वह बहुत गलत था, उन्हें ऐसी सजा देनी चाहिए कि उनकी रूह कांप जाए। मैं उनकी सजा गरीब विक्रेताओं को नहीं दूंगा, बिना धार्मिक पहचान जाने पहले की तरह सामान खरीदता रहूंगा। -ब्रह्म सिंह, ग्राहक
मार्केट एसोसिएशन कानून नहीं बना सकता : निगम
दिल्ली नगर निगम ने कहा कि कानून बनाने का काम विधायिका का है। आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन के पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है। वह किसी रेहड़ी वाले को नाम उजागर करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। ऐसा करने पर पुलिस एसोसिएशन पर कार्रवाई कर सकती है।