पूरक मंदिरों का निर्माण लगभग पूरा हो गया
राम मंदिर के चारों ओर आठ सौ मीटर लंबे परकोटे के मध्य और इसकी परिधि से बाहर बनने वाले पूरक मंदिरों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। सप्तर्षियों के सभी सात मंदिर (महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, ऋषि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी, माता अहिल्या) पहले ही बन चुके हैं।
दूसरी ओर, मां दुर्गा, भगवान शंकर व भगवान सूर्यदेव के मंदिर के शिखर पर कलश स्थापित हो चुका है। शीघ्र ही भगवान गणेश, हनुमानजी व माता अन्नपूर्णा के मंदिर पर भी कलश रखा जाएगा। राम मंदिर के शिखर पर कलश पहले ही स्थापित कर दिया गया है।
इसके बाद राम मंदिर सहित देवी-देवताओं के मंदिरों के शिखर पर धर्म ध्वज दंड स्थापित किए जाएंगे। इसी बीच रामदरबार की मूर्तियां भी जयपुर से आ जाएंगी तो सभी मंदिरों की एक साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। हालांकि सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा में सप्तर्षियों को नहीं सम्मिलित किया जाएगा। इनमें औपचारिक पूजन के साथ मूर्तियों की स्थापना हो रही है। वैदिक विद्वानों के अनुसार जिन मंदिरों में देवी-देवताओं का वास होता है, उनमें ही प्राण प्रतिष्ठा कराई जाती है।
अब 25 मई तक आएंगी रामदरबार की मूर्तियां
राम दरबार की मूर्तियों के राजस्थान से अयोध्या आने में अभी समय लगेगा। सूत्रों का कहना है कि जयपुर में सफेद संगमरमर के शिलाखंड पर बनाई जा रहीं राम दरबार की मूर्तियाें का अभी पूर्णरूपेण निर्माण नहीं हो पाया है।
अब ये मूर्तियां 20 से 25 मई के मध्य किसी दिन शुभ मुहूर्त में अयोध्या लाई जाएंगी और इन्हें राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा। जून माह में इनकी सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस बीच 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन से देवी-देवताओं की मूर्तियां मंदिरों में निर्धारित स्थान पर रखी जाने लगेंगी। इनकी स्थापना में भी समय लगेगा।