पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की मांग से पहले पाकिस्तान को यह बताना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित मुंबई हमले के दोषी आतंकियों को सजा दिलाने के लिए क्या किया गया है। पूरी दुनिया को मालूम है कि वे आतंकी पाकिस्तान में ही हैं।’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हुई फोन वार्ता के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। दोनों पक्षों को अत्यधिक संयम बरतने की बात करते हुए मामले की तत्काल निष्पक्ष जांच कराने का समर्थन किया गया है।

चीन ने पाकिस्तान को लेकर कही ये बात

साथ ही चीन ने कहा है कि वह पाकिस्तान को अपना महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार मानते हुए उसकी वैध सुरक्षा चिंताओं को समझता है और उसकी संप्रभुता व सुरक्षा हितों की रक्षा करने की कोशिश का समर्थन करता है।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने रूस को भी संदेश भेजा है कि वह चीन के साथ मिलकर पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच कराए। रूस की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जहां तक भारत का ताल्लुक है तो इस तरह के आतंकी वारदातों को लेकर पाकिस्तान की तरफ से पूर्व में असहयोग को देखते हुए वह शायद ही निष्पक्ष जांच के लिए तैयार हो। वर्ष 2008 के मुंबई हमले की जांच को लेकर पाकिस्तान का असहयोगात्मक रवैया जगजाहिर है।
शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बढ़ते दबाव के बाद पाकिस्तान ने इस पर न्यायिक आयोग का गठन किया था, लेकिन बाद में पूरी जांच को ही मजाक बनाकर रख दिया गया। इसके बाद वर्ष 2016 में पठानकोट आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक एफआइआर दर्ज की थी।

पाकिस्तान से पांच सदस्यीय जांच दल ने पठानकोट का दौरा किया था

पाकिस्तान से पांच सदस्यीय जांच दल ने पठानकोट का दौरा किया। इसके बाद भारतीय जांच टीम को पाकिस्तान जाना था, जिसकी इजाजत नहीं दी गई। बाद में पाकिस्तानी जांच दल की रिपोर्ट भी नहीं आई। यही वजह है कि भारत इस बार पाकिस्तान की मांग को लेकर कोई प्रतिक्रिया दिखाने के मूड में नहीं है।