वर्ष 1882 में ब्रिटिश अधिकारी एफएस ग्राउस ने ‘मथुरा: ए डिस्ट्रिक्ट मेम्योर’ में वृंदावन में अहिल्याबाई हाेल्कर द्वारा कराए गए कार्यों का जिक्र किया था। इनमें लाल पत्थरों की बावड़ी, कालियादह, चीर घाट, मंदिर व धर्मशालाएं शामिल थीं।