2.7kViews
1709
Shares
नई दिल्ली
हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।
सभी पोस्ट हटाकर रामदेव भविष्य ऐसा नहीं करने के संबंध में दाखिल करें हलफनामा: हाई कोर्ट
मामले में दोबारा शुरू हुई सुनवाई के दौरान पतंजलि की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नैय्यर ने कहा कि इस संबंध में एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो और पोस्ट को हटा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पतंजलि किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है।
न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने राजीव नैय्यर के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि पतंजलि ने बयान में कहा कि भविष्य में इस तरह का पोस्ट नहीं करेंगें। कोर्ट ने कहा इस संबंध में रामदेव हलफनामा दाखिल करें कि इस तरह का बयान या विज्ञापन वह भविष्य में नहीं देंगें। कोर्ट ने पांच दिन में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई एक मई को होगी।