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गांधीनगर
गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के ‘न्याय अभ्युदय- टेक्नो-लीगल फेस्ट’ के समापन समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की खातिर कानून को विज्ञान और तकनीक का सहारा लेना चाहिए।
बुनियादी सुविधाओं का किया दौरा
जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह ने उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) समेत विभिन्न अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाओं का भी दौरा किया। उन्होंने एनएफएसयू के स्वदेशी उत्पादों को भी देखा। उन्होंने अपने संबोधन में कानून की प्रासंगिकता बनाए रखने और उसे समय की बदलती जरूरतों के अनुरूप ढालने की आवश्यकता पर बल दिया।
न्याय प्रणाली को मजबूत करना होगा
जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में कानून को वैज्ञानिक सटीकता के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में उन्होंने फोरेंसिक क्षेत्र में एनएफएसयू के प्रयासों की सराहना की और कहा कि अकेले कानून अधूरा है। न्याय प्रदान करने की प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए कानून को विज्ञान और तकनीक का सहारा लेना चाहिए। इससे न केवल कार्यकुशलता बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि न्याय भी अधिक कुशल बनेगा।
अपनी पिछली यात्रा को किया याद
उन्होंने एनएफएसयू की अपनी पिछली यात्रा को भी याद किया और एनएफएसयू के शैक्षिक, अनुसंधान, जांच, प्रशिक्षण जैसे कार्यों की सराहना की। एनएफएसयू को देशभर में विशेष स्थान दिलाने के लिए कुलपति डॉ. जेएम व्यास के दूरदर्शी प्रयासों को भी सराहा।
कार्यक्रम में पहुंची ये हस्तियां
कार्यक्रम का आयोजन एनएफएसयू में स्कूल ऑफ लॉ और फोरेंसिक जस्टिस एंड पॉलिसी स्टडीज ने किया। समापन समारोह में गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश इलेश जे. वोरा, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति केजे ठाकर, पूर्व जस्टिस वीपी पटेल और एनएफएसयू के कुलपति डॉ. जेएम व्यास मंच पर मौजूद रहे।
दो प्रतियोगिताओं का भी आयोजन
समापन समारोह में प्रो. एसओ जुनारे ने स्वागत भाषण पढ़ा। वहीं स्कूल ऑफ लॉ, फोरेंसिक जस्टिस एंड पॉलिसी स्टडीज के डीन एवं एनएफएसयू-दिल्ली के परिसर निदेशक प्रो. पूर्वी पोखरियाल ने कार्यक्रम रिपोर्ट पेश की। कार्यक्रम में एसएलएफजेपीएस, एनएफएसयू जर्नल ऑफ लॉ एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एनएफएसयू जर्नल ऑफ फोरेंसिक जस्टिस के समाचार पत्र भी लॉन्च किए गए।
कार्यक्रम के तहत तृतीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मूट कोर्ट प्रतियोगिता और राष्ट्रीय ट्रायल एडवोकेसी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इनमें देशभर की 61 टीमों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष डॉ. जज कौशल जे. ठाकर ने गुजरात सरकार की ओर से धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।