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पटना
शिक्षा विभाग ने रविवार को राज्य के सरकारी विद्यालयों के 2,151 पुरुष शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण किया। स्थानांतरित होने लेने वाले इन शिक्षकों की पत्नियां भी सरकारी विद्यालयों में ही शिक्षक हैं। इस ट्रांसफर के बाद ये सभी पुरुष शिक्षक अपनी पत्नी के पदस्थापन वाले जिले में पहुंच गए हैं।
पटना जिले में ट्रांसफर के लिए करना होगा इतंजार
- हालांकि, जिन पुरुष शिक्षकों की पत्नी पटना जिले में पदस्थापित हैं, उनका स्थानातंरण नहीं हुआ है। ऐसे पुरुष शिक्षकों के स्थानातंरण पर बाद में विचार होगा।
- इनका ट्रांसफर इसलिए नहीं हुआ है कि पटना जिले में पहले से ही अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं।
10 से 20 अप्रैल तक आवंटित होंगे स्कूल
प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से जारी आदेश के मुताबिक इस ट्रांसफर से नियोजित शिक्षकों को अलग रखा गया है।
स्थानांतरित शिक्षकों के बीच 10 से 20 अप्रैल तक विद्यालय आवंटन होगा। सभी अंतरजिला स्थानांतरित 2,151 पुरुष शिक्षकों की सूची भी जारी कर दी गई है।
रविवार को भी खुला रहा शिक्षा विभाग
इस स्थानांतरण के लिए शिक्षा विभाग रविवार को भी खुला था। अंतरजिला स्थानांतरित इन पुरुष शिक्षकों से प्राप्त विकल्पों के आधार पर साफ्टवेयर के माध्यम से विद्यालय आवंटन होगा।
बता दें कि संबंधित पुरुष शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण पर 28 मार्च को शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली विभागीय स्थापना समिति की बैठक में ही स्वीकृति मिल गई थी।
शिक्षकों को देना होगा शपथ पत्र
शिक्षकों का स्थानांतरण उनके द्वारा ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दिए गए घोषणा के आलोक में किया गया है। स्थानांतरित सभी शिक्षकों को अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शपथ पत्र देना होगा।
शपथ पत्र के अनुसार उनके द्वारा दिए गए अभ्यावेदन एवं घोषणा में किसी प्रकारी सूचना गलत पाए जाने पर उन पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। उन्हें इस आशय का भी शपथ पत्र देना होगा कि आवंटत जिला उन्हें स्वीकार है।
आरा: शिक्षक हमारे समाज के अमूल्य धरोहर है- आइपीएस
तारकेश्वर नारायण अग्रवाल कॉलेज ऑफ एजुकेशन हरिगांव में रविवार को शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। टीएन अग्रवाल एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर फाउंडेशन पटना के द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.अमित कुमार जैन (आइपीएस, एडीजी बैकवर्ड क्लास वेलफेयर) शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि शिक्षक हमारे समाज के अमूल्य धरोहर है, जो जीवन को आकार देते हैं और बेहतर भविष्य का निर्माण करने के साथ समाज को सुसंस्कृत और सभ्य बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभातें है। मौके पर महाविद्यालय के प्रशिक्षुओ ने कई मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया।