सिंगरौली| हिंडालको महान विस्थापित कॉलोनी मझिगवां में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें विद्यालय ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल 460 विद्यार्थियों में से 447 छात्र सफल रहे, जिससे विद्यालय का परीक्षा परिणाम 97% रहा। इस उपलब्धि को सम्मानित करने के लिए परीक्षा परिणाम घोषणा एवं मेधावी छात्र सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
निःशुल्क शिक्षा और सर्वांगीण विकास की दिशा में हिंडालको महान की पहल
हिंडालको महान अपने विस्थापित परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निःशुल्क शिक्षा, गणवेश, पाठ्यपुस्तकें, कोचिंग एवं छात्रवृत्ति प्रदान करता है। यह पहल न केवल बच्चों के शैक्षिक भविष्य को संवारने में मददगार है, बल्कि उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
समारोह की मुख्य झलकियां
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना से हुई। विद्यालय के आचार्य गोपाल विश्वकर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर सीएसआर प्रमुख संजय सिंह और आर एंड आर प्रभारी विजय प्रकाश वैश्य उपस्थित रहे। समारोह में उदय से नवम कक्षा तक 97% विद्यार्थियों के सफल होने की घोषणा की गई। साथ ही, प्रत्येक कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले तीन-तीन मेधावी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
सीएसआर प्रमुख संजय सिंह ने विद्यार्थियों को दी प्रेरणा
अपने संबोधन में हिंडालको महान के सीएसआर प्रमुख संजय सिंह ने परीक्षा के महत्व और शिक्षा के जीवन में प्रभाव पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि “परीक्षा केवल अंकों का खेल नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, आत्मविश्वास और निरंतर सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। सफलता उन्हीं को मिलती है जो निरंतर प्रयास करते हैं और अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत करते हैं।” उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए शिक्षा को आत्मनिर्भरता और समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी साधन बताया।
आभार और आयोजन की सफलता
कार्यक्रम के अंत में आर एंड आर प्रभारी विजय प्रकाश वैश्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस आयोजन की सफलता में विद्यालय के आचार्य बंधुओं सहित भोला वैश्य और प्रभाकर वैश्य का विशेष योगदान रहा।
विद्यालय के इस उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम ने छात्रों की मेहनत और शिक्षकों के प्रयासों को दर्शाया है। यह सफलता विद्यार्थियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है और शिक्षा के प्रति उनके उत्साह को और अधिक मजबूत करती है।