मामला इतना बढ़ गया कि छात्रों में मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान छात्रों ने आपस में कई कारों के शीशे तोड़ दिए और अन्य जगह से भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हंगामे से क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। तभी पुलिस को सूचना दी गई। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तो कुछ छात्र कार लेकर मौके से फरार हो गए।

कॉलेज में जबरन घुसना चाह रहे थे बाहरी छात्र

पुलिस ने कॉलेज के सामने बेरिकेडिंग भी नहीं की थी। कॉलेज से अग्रवाल स्वीट और सीआर पार्क की ओर जाने वाले दोनों चौक पर जाम लग गया। फिर क्षतिग्रस्त कारों को सड़क से हटवाकर यातायात को सुचारू कराया गया।

बताया जा रहा है कि कुछ बाहरी छात्र भी कॉलेज में जबरन प्रवेश करना चाह रहे थे। इस वजह से भी छात्रों में बहस हुई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

चार छात्रों को मिला लाल देशबंधु पुरस्कार

इससे पहले, बृहस्पतिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन हुआ। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समारोह की शुरुआत हुई। इसके बाद विश्वविद्यालय में अकादमिक, खेलकूद व अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन प्रो. बलराम पानी पहुंचे व अन्य अतिथियों में वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट आलोक कुमार, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. रंजन त्रिपाठी व प्रो. बीके तिवारी उपस्थित रहे। कालेज प्राचार्य प्रो. राजेंद्र कुमार पांडे ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।
उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत है। इस मौके पर देशबंधु कालेज प्रशासन ने 15 से अधिक विशेष अकादमिक पुरस्कारों की घोषणा की। सबसे प्रतिष्ठित लाल देशबंधु पुरस्कार चार प्रतिभागियों को मिला, जिनमें विशेष लोनियल, आयुषी पांडे, मरियम और प्रीति शामिल रहे।
वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर सुनील कायस्थ ने सभी पुरस्कृत छात्रों को बधाई दी। सत्र की अध्यक्षता कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रो. डीएस चौहान ने और मंच संचालन प्रो. नमिता गांधी ने किया। कार्यक्रम के अंत में संयोजक प्रोफेसर बेला भाटिया ने सभी का आभार जताया।