दोपहर के बाद से ही जामा मस्जिद में रोजेदारों का पहुंचना शुरू हो गया था। उन्होंने सूरज ढलने के साथ ही रोजा इफ्तार किया। इफ्तार के बाद लोग नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा हुए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हम घर पर इफ्तार करते हैं, तो वहां पर हमारा खुद का परिवार होता है, लेकिन यहां हमें अन्य लोगों से मिलने का मौका मिलता है।
इस बार का रमजान कुछ ज्यादा ही खास
अपने परिवार के साथ जामा मस्जिद में इफ्तारी करने पहुंची ईरम ने बताया कि वैसे तो रमजान हर बार खास होता है, लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही खास है। इसलिए जामा मस्जिद पर इफ्तारी करने आई हैं। उनका 10 वर्ष के बेटे ने पहली बार रोजा रखा है तो उसकी पहली इफ्तारी जामा मस्जिद पर करवाने के लिए पकोड़े, पानी, खजूर, बिरयानी आदि सामान लेकर आई हूं।
उलेमाओं ने की सड़क पर नमाज न पढ़ने की अपील
ईद को लेकर उलेमाओं ने पहल करते हुए लोगों से अपील की है कि वह सड़क पर ईद की नमाज न पढ़े। चांद देखने के बाद अगले दिन ईद मनाई जाती है। अगर चांद नहीं दिखता है तो ईद नहीं मनाई जाती है। 30 मार्च को ईद का चांद दिखने का दावा किया गया था। ऐसे लोग शाम होते ही चांद देखने के लिए मकानों की छत पर चढ़ गए। आकाश में बादल नहीं थे। जिस वजह से देर शाम को ईद का चांद दिखाई दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दी ईद की शुभकामनाएं
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्लीवासियों को ईद की मुबारकबाद देते हुए इसे भाईचारे और प्रेम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान ही एक ऐसा देश है, जहां सब मिलकर सभी धर्मों के त्योहार मनाते हैं और एक-दूसरे की खुशियों में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं और पूर्वजों ने गंगा जमुनी तहजीब का पाठ पढ़ाया है, जो कि भाईचारे और एकता का प्रतीक है।