केवल जगह का विस्तार ही नहीं, कर्मियों की भी बढ़ाई जा रही संख्या

जेलों में जगह का विस्तार तो हो रहा है, लेकिन जगह बढ़ने पर निगरानी के लिए कर्मियों की संख्या बढ़ानी होगी। अभी तिहाड़ में जो भी बैरक हैं, वे सभी भूतल पर बने हैं। लेकिन जब तलों की संख्या बढ़ेगी तो निगरानी के लिए कर्मियों की संख्या भी बढ़ानी होगी।

जेल प्रशासन ने भविष्य की जरुरतों पर अभी से ध्यान देना शुरू कर दिया है। जेल प्रशासन ने जेलकर्मियों के लिए करीब 3247 नए पदों का सृजन किया है। इनमें आधे से अधिक कर्मी वार्डर संवर्ग के हैं। शेष में हेड वार्डर, मेट्रन, हेड मेट्रन, अतिरिक्त अधीक्षक व अन्य पद शामिल हैं।

कौन सा है सबसे पुराना जेल परिसर?

दिल्ली में अभी तीन जेल परिसर हैं। इसमें तिहाड़, रोहिणी व मंडोली शामिल है। तिहाड़ सबसे पुराना जेल परिसर है, जिसमें नौ अलग अलग जेल हैं। रोहिणी में एक और मंडोली में छह जेल हैं।

रोहिणी व मंडोली जेल में भूतल पर दो और तल बने हैं, लेकिन तिहाड़ परिसर की सभी जेल में केवल भूतल वाली इमारत है। इस जेल परिसर में क्षमता व कैदियों की संख्या के बीच भारी असंतुलन की स्थिति रहती है। उदाहरण के लिए जेल संख्या चार में क्षमता से चार गुना अधिक कैदी अक्सर बंद रहते हैं।