ग्वालियर। मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। इसका खामियाजा बुजुर्गों और श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें समय पर स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि वय वंदना योजना के अंतर्गत प्रदेश में 34 लाख 72 हजार 386 बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने थे, लेकिन जून के पहले सप्ताह तक केवल 14 लाख 25 हजार 397 कार्ड ही बन पाए हैं।
यानी 41.05 प्रतिशत। वहीं भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 81 लाख 94 हजार 72 श्रमिकों को आयुष्मान कार्ड दिए जाने थे, पर अब तक केवल 51 लाख 38 हजार 683 कार्ड ही बन सके हैं। यह आंकड़ा लक्ष्य के मुकाबले लगभग 62.71 प्रतिशत है। विशेषज्ञों का मानना है कि कार्ड निर्माण की धीमी रफ्तार के पीछे तकनीकी दिक्कतें, लोगों में जागरूकता की कमी जैसी समस्याएं जिम्मेदार हैं।
वय वंदना योजना के कार्ड
वय वंदना योजना के तहत इंदौर को दो लाख 83 हजार 67 कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला था, लेकिन यहां 73 हजार 409 कार्ड ही बन पाए। कार्ड बनाए जाने का प्रतिशत 26 रहा। इसी प्रकार भोपाल को एक लाख 51 हजार 505 कार्ड बनाने थे, लेकिन यहां 45 हजार 497 कार्ड की बन पाए।
इससे कार्ड बनाए जाने का प्रतिशत 30 रहा। जबलपुर को एक लाख 36 हजार 638 कार्ड बनाने थे, लेकिन यहां 32 हजार 468 कार्ड बन सके। ऐसे में यहां का प्रतिशत 24 रहा। ग्वालियर में एक लाख 39 हजार 156 कार्ड बनने थे, लेकिन 41 हजार 535 कार्ड ही बन सके। यहां का प्रतिशत 30 रहा।
श्रमिक परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की रफ्तार भी धीमी
भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत श्रमिक परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की रफ्तार भी धीमी है। भोपाल में दो लाख 31 हजार छह कार्ड बनाए जाने थे, लेकिन एक लाख 33 हजार 807 कार्ड ही बन सके।
इंदौर में एक लाख 71 हजार 287 कार्ड के सापेक्ष 99 हजार 838 कार्ड बने। जबलपुर में तीन लाख 37 हजार 529 कार्ड की जगह महज एक लाख 96 हजार 561 कार्ड बने। ग्वालियर में तीन लाख 75 हजार 365 कार्ड बनने थे, लेकिन दो लाख 15 हजार 614 कार्ड ही बन सके।
सबसे बेहतर प्रदर्शन बालाघाट, बैतूल का रहा
वय वंदना योजना के कार्ड बनाने में सबसे बेहतर प्रदर्शन बालाघाट का रहा। यहां 87 प्रतिशत कार्ड बनाए गए। वहीं श्रमिकों के कार्ड बनाने में बैतूल पहले स्थान पर रहा। यहां 82 प्रतिशत कार्ड बने। वय वंदना श्रमिकों के कार्ड बनाने में छिंदवाड़ा दूसरे स्थान पर रहा।
हितग्राही सेवा माह
पात्र हितग्राहियों के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए अभियान आपके द्वार निरामयम 2.0 हितग्राही सेवा माह के रूप में चल रहा है। इसमें वय वंदना, श्रमिक जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के हितग्राहियों के कार्ड बनाए जा रहे हैं। – डॉ. नीलम सक्सेना, क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं।