मधुबन बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों में जगी उम्मीद
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जीडीए अधिकारियों की ओर से जो प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, उनमें किसानों का एक पुराना मुद्दा भी शामिल है।
योजना में कितने एकड़ जमीन का हुआ था अधिग्रहण?
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2004 में छह गांव की करीब 1,234 एकड़ भूमि पर मधुबन बापूधाम योजना लॉन्च की, जिसमें 800 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। इसके बाद 153 एकड़ जमीन फिर मिली, जिसे जीडीए की ओर से विकसित किया गया।
बाकी करीब 281 एकड़ जमीन के किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जहां से वर्ष 2016 में जीडीए ने नए भू अधिग्रहण कानून के तहत इस जमीन के किसानों को मुआवजा देते हुए जमीन का अधिग्रहण किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद पूर्व में अधिग्रहण की जा चुकी 800 एकड़ जमीन वाले किसान भी नए भू अधिग्रहण कानून के तहत बढ़े मुआवजे की मांग करने लगे।
किसानों को आवंटित हो चुके हैं 112 प्लॉट
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की ओर से 112 प्लॉट किसानों को आवंटित किए जा चुके हैं, जबकि 600 से अधिक किसानों को प्लॉट दिए जाने बाकी हैं। जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि 18 मार्च को प्रस्तावित बोर्ड बैठक का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल किए गए हैं।
योजना में दो तरह के हैं किसान
जीडीए की मधुबन बापूधाम योजना में दो तरह के किसान हैं। इनमें पहले किसान वह हैं, जिनकी 800 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जा चुकी है। दूसरे नए भू अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देकर 281 एकड़ वाले किसान हैं।
बताते हैं कि 800 एकड़ वाले किसानों को विकसित जमीन का छह फीसदी जमीन दी जाएगी। वहीं, 281 एकड़ किसानों को विकसित जमीन का 10 फीसदी जमीन मिलेगी। इसके लिए जीडीए ने 10 प्रतिशत जमीन वाले किसानों को नोटिस भेजकर सहमति ली है।