भक्तों को विशेष समय पर ही दर्शन होंगे संभव
छह दिवसीय जन्मोत्सव में भक्तों को विशेष समय पर ही दर्शन संभव हो सकेंगे। इसके लिए आश्रम से तिथिवार लिस्ट जारी कर दी गई है। सभी कार्यक्रम श्रीहित राधा कुंज में आयोजित होंगे, जिसमें सभी भक्त इसका लाभ ले सकते हैं। श्रद्धालुओं के लिए कुछ गाइडलाइन भी दी गई हैं। जिनका ध्यान भक्तों को रखना होगा। संत प्रेमानंद के दर्शन सभी भक्तों को 5.30 बजे हो सकेंगे, कौन-कौन भक्त किस प्रकार कर सकता है प्रेमानंद महाराज के दर्शन इसके लिए तिथि तय कर दी गई हैं।
किस दिन कहां के आएंगे शिष्य
- 25 मार्च: वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, मथुरा, ब्रजक्षेत्र एवं अलीगढ़ के शिष्य दर्शन करेंगे।
- 26 मार्च: उत्तरप्रदेश के शिष्य परिकर, समस्त ब्रज, आगरा, अलीगढ़ के श्रद्धालु।
- 27 मार्च: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पंजाब का शिष्य परिकर।
- 28 मार्च: हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, आसाम, आंध्रप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल, बिहार, गुजरात के शिष्य परिकर।
- 29 मार्च: महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के शिष्य परिकर।
- 30 मार्च: रिवक्त परिकर को संत प्रेमांनद के दर्शन का लाभ मिलेगा।
प्रतिदिन होंगे ये कार्यक्रम
नाम संकीर्तन सुबह तीन से 4.15 बजे तक। सत्संग सुबह 4.15 बजे से 5.30 बजे तक, संत प्रेमानंद के दर्शन सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे तक, मंगल आरती, श्रीजी का झूला दर्शन, नाम संकीर्तन सुबह 6.30 से 8.30 बजे तक। श्रीहित चतुरासी पाठ 8.30 से 9.15 बजे तक। शृंगार आरती, राधानाम कीर्तन सुबह 9.15 से 10.30 बजे तक। नाम संकीर्तन शाम चार से छह बजे तक, संध्या वाणी पाठ।