मैनुअल खुदाई के बजाय रोबोट को काम पर लगाया
कई बड़े अधिकारी लगातार कर रहे निगरानी
बयान के मुताबिक, कन्वेयर बेल्ट का उपयोग करके एक घंटे में लगभग 620 क्यूबिक मीटर मिट्टी और मलबे को सुरंग से बाहर निकाला जा सकता है। नवीनतम तकनीक वाली मशीनों के उपयोग से ऑपरेशन को कुशलतापूर्वक करने में मदद मिलेगी। राज्य के विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) अरविंद कुमार खोज अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ की चुनौती
तेलंगाना सरकार ने बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रोबोट तैनात करने का निर्णय लिया है। सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ सहित चुनौतीपूर्ण स्थितियों के कारण काफी जोखिम रहता है। बचाव कर्मियों ने कुत्तों द्वारा बताए गए स्थानों पर खोदाई की। केरल पुलिस के बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते 15 फुट की गहराई तक गंध पहचानने में सक्षम हैं।
एक व्यक्ति का शव बरामद
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एचआरडीडी (मानव अवशेष खोजी कुत्ते, सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, हैदराबाद स्थित रोबोटिक्स कंपनी और अन्य) की टीमें इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हैं। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ऑपरेटर के तौर पर काम करने वाले गुरप्रीत सिंह का शव 9 मार्च को बरामद किया गया था। शव को पंजाब में उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।
सात लोग अभी फंसे
गुरप्रीत सिंह के अलावा, सात अन्य लोग अभी भी फंसे हुए हैं जिनमें मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू और कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू शामिल हैं, जो सभी झारखंड के हैं। 22 फरवरी को एसएलबीसी परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद आठ लोग – जिनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं, वे सभी फंस गए थे।