काहिरा में मंगलवार को आयोजित शिखर सम्मेलन में अरब नेताओं ने गाजा के लिए मिस्र की युद्धोत्तर योजना का समर्थन किया है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाजा के लगभग दो मिलियन फलस्तीनियों को दूसरे देशों में बसाया जाए। अरब देशों ने कहा कि यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करेगा।
अरब नेताओं ने गाजा पट्टी के लिए मिस्र की युद्धोत्तर योजना का समर्थन किया है। इस संबंध में मंलगवार को मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत उसके लगभग 2 मिलियन फलस्तीनियों को गाजा पट्टी में रहने की अनुमति होगी।
शिखर सम्मेलन में ये देश हुए शामिल
मिस्र द्वारा काहिरा में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में कतर के अमीर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उपराष्ट्रपति और सऊदी अरब के विदेश मंत्री शामिल हुए। ये वे देश हैं जिनका समर्थन किसी भी युद्धोत्तर योजना के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।
इस्राइल ने गाजा में खाद्य-दवा आपूर्ति रोकी
बता दें कि इस्राइल ने अमेरिका के वैकल्पिक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। साथ ही 7 अक्तूबर को हमास के हमले में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई की बात की है। इस्राइल ने हमास पर दबाव डालने के लिए गाजा में खाद्य, ईंधन और दवा और अन्य आपूर्ति को रोक दिया है, जिससे युद्ध फिर से शुरू होने की आशंका बढ़ गई है।
इस्राइल की सहायता निलंबन की हो रही आलोचना
इस्राइल की सहायता निलंबन की व्यापक आलोचना हो रही है। मानवाधिकार समूहों ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। नई योजना के तहत, हमास को युद्धविराम विस्तार और एक स्थायी युद्धविराम के बदले में अपने आधे बंधकों को रिहा करने का वादा करना होगा। हालांकि, इस्राइल ने पहले चरण के प्रमुख घटक- अधिक फलस्तीनी कैदियों को रिहा करने का कोई उल्लेख नहीं किया।
क्या है मिस्र की युद्धोत्तर योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिस्र की योजना में 53 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश से 2030 तक गाजा की जनसंख्या को हटाए बिना पुनर्निर्माण की योजना है। पहले चरण में अप्रयुक्त हथियारों को हटाना और बमबारी से बचे मलबे को साफ करना शामिल है। पुनर्निर्माण के दौरान गाजा में अस्थायी आवास इकाइयां स्थापित की जाएंगी। मलबे को पुनर्चक्रित किया जाएगा, कुछ का उपयोग भूमध्यसागरीय तट पर जमीन बनाने के लिए किया जाएगा।
मिस्र की योजना में एक नया हवाई अड्डा और एक वाणिज्यिक बंदरगाह खोलने की भी योजना है। हमास को एक स्वतंत्र प्रशासन को सत्ता सौंपने के लिए कहा जाएगा जब तक कि एक नया फलस्तीनी प्राधिकरण नियंत्रण नहीं लेता।
इस्राइल ने फलस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका से इनकार किया
हालांकि, इस्राइल ने गाजा में फलस्तीनी प्राधिकरण की किसी भी भूमिका से इनकार किया है। साथ ही अमेरिका के साथ मिलकर हमास के निरस्त्रीकरण की मांग की है। वहीं हमास का कहना है कि वह गाजा में अन्य फलस्तीनियों को सत्ता सौंपने के लिए तैयार है, लेकिन जब तक फलस्तीनी राज्य नहीं बन जाता, तब तक वह अपने हथियार नहीं डालेगा।
नेतन्याहू ने माना ट्रंप का सुझाव, अरब देशों ने किया खारिज
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने सुझाव दिया था कि गाजा के लगभग 2 मिलियन फलस्तीनियों को दूसरे देशों में बसाया जाए। उन्होंने कहा था कि अमेरिका गाजा का स्वामित्व लेगा और इसे मध्य पूर्वी ‘रिवेरा’ के रूप में पुनर्विकसित करेगा। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। हालांकि, अरब देशों और मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करेगा।