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कत्था लाल और सफेद रंग का होता है। यह मुंह को लाल करने के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसकी तासीर ठंडी होती है। तो आइए आज की इस खबर में जानते हैं इसके चमत्कारी फायदों के बारे में।
1. मुंह की सेहत
- कत्था एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो मुंह में बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है।
- मसूड़ों को मजबूत बनाता है और पायरिया जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
- दांतों में दर्द और सड़न को रोकने में सहायक होता है।
2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद- यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखता है और एसिडिटी की समस्या को कम करता है।
- डायरिया और पेचिश जैसी बीमारियों में लाभकारी होता है।
- 3. त्वचा के लिए लाभकारी
त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
घाव को तेजी से भरने में सहायक होता है और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण जलन व खुजली को कम करता है।4. गले और खांसी में राहत- गले की खराश, सूजन और खांसी में कत्थे का उपयोग लाभदायक होता है।
- आयुर्वेद में इसे कफ नाशक माना जाता है।
5. डायबिटीज में सहायक- यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में सहायक होता है।
सावधानी:
अधिक मात्रा में कत्थे का सेवन हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसमें टैनिक एसिड पाया जाता है। किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए इसका उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।कत्था न केवल पान के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है, जिससे यह आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में जाना जाता है।अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।