बदायूं जिले में दो भाइयों ने अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर 18 फरवरी 2024 में पैदल यात्रा शुरू की थी। उन्होंने एक साल में अपनी मां को चारधाम के दर्शन कराए। इसके अलावा हरिद्वार, अयोध्या और खाटूश्याम भी पैदल ही पहुंचे।
बदायूं के बिसौली के नूरपुर गांव निवासी तेजपाल और धीरज दोनों भाई कलयुग में उन लोगों के लिए नजीर हैं जो बुढ़ापे में मां-बाप को उनके हाल में छोड़ देते हैं या फिर वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं। ये दोनों भाई एक साल 12 दिन पहले अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर चारधाम यात्रा को निकले। न सिर्फ चारधाम यात्रा बल्कि हरिद्वार, नीलकंठ, अयोध्या, खाटूश्याम तक कांवड़ में बैठाकर पैदल गए और दर्शन कराए। दोनों भाई अब घर लौट रहे हैं। अभी घर पहुंचने में उन्हें तीन-चार दिन और लग जाएंगे।
अयोध्या में रामलला के दर्शन कराए
दोनों भाइयों की पदयात्रा यहीं नहीं रूकी। इसके बाद वह मां को लेकर अयोध्या रामलला के दर्शन कराने पहुंचे। इस बीच दोनों भाइयों का हौसला बढ़ता गया। उन्होंने पदयात्रा को नहीं थमने दिया। वह मां को लेकर हरियाणा के चुलकाना धाम पहुंचे। यहां खाटू श्याम के दर्शन कराए। इसके बाद उनकी यात्रा राजस्थान पहुंची। जहां गोगामेड़ी और खाटूश्याम के मां को दर्शन कराए। पैदल इतने लंबे सफर को तय करने में दोनों भाइयों कोएक साल का समय लग गया। इसके बाद अब दोनों भाई मां को कांवड़ में ही बैठाकर वापस घर आ रहे हैं।